Hindi, asked by sunil057, 1 year ago

Bhartiya Suraksha Bal par anuched​

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Answered by kinjalbagdi0704
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Explanation:बाल संरक्षण आयोग के दायित्व

बाल संरक्षण आयोग के निम्नलिखित दायित्व हैं

किसी विधि के अधीन बच्चों के अधिकारों के संरक्षण के लिए सुझाये गये उपायों की निगरानी व जांच करना जो उनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए वर्तमान केंद्र सरकार को सुझाव देते हैं।

उन सभी कारकों की जांच करना जो आतंकवाद, सांप्रदायिक हिंसा, दंगों, प्राकृतिक आपदा, घरेलू हिंसा, एचआईवी /एड्स, तस्करी, दुर्व्यवहार, यातना और शोषण, वेश्यावृत्ति और अश्लील साहित्य से प्रभावित बच्चों के खुशी के अधिकार व अवसर को कम करती है और उसके लिए उपचारात्मक उपायों का सुझाव देना।

ऐसे संकटग्रस्त, वंचित और हाशिये पर खड़े बच्चे जो बिना परिवार के रहते हों और कैदियों के बच्चों से संबंधित मामलों पर विचार करना और उसके लिए उपचारात्मक उपायों का सुझाव देना।

समाज के विभिन्न वर्गों के बीच बाल अधिकार साक्षरता का प्रसार करना और बच्चों के लिए उपलब्ध सुरक्षोपाय के बारे में जागरूकता फैलाना।

केन्द्र सरकार या किसी राज्य सरकार या किसी अन्य प्राधिकारी सहित किसी भी संस्थान द्वारा चलाए जा रहे सामाजिक संस्थान जहां बच्चों को हिरासत में या उपचार के उद्देश्य से या सुधार व संरक्षण के लिए रखा गया हो, वैसे बाल सुधार गृह या किसी अन्य स्थान पर जहाँ बच्चों का निवास हो या उससे जुड़ी संस्था का निरीक्षण करना।

बाल अधिकारों के उल्लंघन की जाँच

बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन की जाँच कर ऐसे मामलों में कार्यवाही प्रारम्भ करना और निम्न मामलों में स्वतः संज्ञान लेना, जहाँ :

बाल अधिकारों का उल्लंघन व उपेक्षा होती हो।

बच्चों के विकास और संरक्षण के लिए बनाये गये कानून का क्रियान्वयन नहीं किया गया हो।

बच्चों के कल्याण और उसे राहत प्रदान करने के लिए दिये गये नीति निर्णयों,दिशा-निर्देशों या निर्देश का अनुपालन नहीं किया जाता हो।

जहाँ ऐसे मामले पूर्ण प्राधिकार के साथ उठाये गये हों।Child Rights

बाल अधिकार को प्रभावी बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय संधियों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय उपकरणों के आवधिक समीक्षा और मौजूदा नीतियों, कार्यक्रमों और अन्य गतिविधियों का अध्ययन कर बच्चों के हित में उसे प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने के लिए सिफारिश करना।

बाल अधिकार पर बने अभिसमयों के अनुपालन का मूल्यांकन करने के लिए बाल अधिकार से जुड़े मौजूदा कानून, नीति एवं प्रचलन या व्यवहार का विश्लेषण व मूल्यांकन करना और नीति के किसी भी पहलू पर जाँच कर प्रतिवेदन देना जो बच्चों को प्रभावित कर रहा हो और उसके समाधान के लिए नये नियम बनाने का सुक्षाव देना।

सरकारी विभागों और संस्थाओं में कार्य के दौरान व स्थल पर बच्चों के विचारों का सम्मान को बढ़ावा देना और उसे गंभीरता से लेना।

बाल अधिकारों के बारे में सूचना उत्पन्न करना और उसका प्रचार-प्रसार करना।

बच्चों से जुड़े आँकड़े का विश्लेषण व संकलन करना।

बच्चों के स्कूली पाठ्यक्रम, शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और बच्चों की देखभाल करने वाले प्रशिक्षण कर्मियों के प्रशिक्षण पुस्तिका में बाल अधिकार को बढ़ावा देना और उसे शामिल करना:

बाल अधिकारों की समझ

संरक्षण का अधिकार

बाल संरक्षण और कानून

स्त्रोत : पोर्टल विषय सामग्री टीम


sunil057: भारतीय सुरक्षा बल पर अनुच्छेद लिखे
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