Hindi, asked by vandanakarelokhande, 4 months ago

भवानी प्रसाद मिश्र के काव्य सतपुड़ा के जंगल का विवेचन कीजिये​

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Answered by prakashakash802
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Answer:

काव्य डेस्क

सतपुड़ा के घने जंगल। ऊंघते अनमने जंगल। मूक शाल, पलाश चुप है। ऊंघते अनमने जंगल।

Explanation:

वे 'कवियों के कवि' थे। मिश्र जी की कविताओं का प्रमुख गुण कथन की सादगी है। बहुत हल्के-फुलके ढंग से वे बहुत गहरी बात कह देते हैं जिससे उनकी निश्छल अनुभव संपन्नता का आभास मिलता है। भवानीप्रसाद मिश्र की कविता गहरी रागधर्मिता और सौंदर्य बोध ही नहीं कराती, उनके कथा काव्य में जनमानस की पीड़ाओं को भी रेखांकित करती है।

Answered by thakurabhijeet318
0

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