Hindi, asked by thakuravkash433, 1 month ago

भवानी प्रसाद मिश्र की काव्यगत विशेषताएँ निम्न बिन्दुओं
आधार पर लिखिए
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Answers

Answered by himanshu180805
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Answer:

उनकी कविता मज़दूरों-किसानों और श्रमशील जनता की कविता है। पर उनमें नारेबाजी नहीं है। उनकी कविताएं व्यापक मानव-मूल्यों की कविताएं हैं, जिनमें सत्ता के विरोध का स्वर भी प्रबल है। सन् 1975 में जब आपातकाल की घोषणा हुई तो भवानी प्रसाद मिश्र ने रचनात्मकता के धरातल पर इसका जोरदार विरोध किया

Answered by RvChaudharY50
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भवानी प्रसाद मिश्र :-

(i) दो रचनाएं :-

  • गीत-फरोश l
  • मानसरोवर l

(ii) भावपक्ष - कलापक्ष :-

  • गाँधीवादी विचारधारा गाँधी दर्शन अनुभूति के स्तर पर उनके विचारों में घुलमिल कर उनके काव्य में प्रकट हुआ है । उन्होंने अपने ‘गाँधी पंचशती’ कविता संग्रह में अपनी गाँधीवादी विचारधारा का भव्य परिचय दिया है ।
  • प्रकृति चित्रण मिश्र जी प्रकृति के कवि हैं । इन्होंने प्रकृति सौन्दर्य के चित्र इतनी गहराई से ओर सजीवता से उभारे हैं कि उनमें प्रकृति, मोहक और यथार्थ रूप में साकार हो उठी है ।
  • प्रेम की एक पक्षीयता के दर्शन मिश्र जी की कविता में प्रेम की एक पक्षीयता के दर्शन होते हैं । उसमें आकुलता, आँसू और अभाव की चर्चा अधिक हुई है ।

(iii) साहित्य में स्थान :-

  • भवानीप्रसाद मिश्र आधुनिक कविता के अत्यन्त समर्थ कवि हैं ।
  • उनके गीतों ने आधुनिक हिन्दी कविता को नयी भंगिमा और नयी दिशा प्रदान की ।
  • इसलिए आधुनिक हिन्दी कविता में उनका महत्त्वपूर्ण स्थान बन गया है ।

यह भी देखें :-

प्र022 सूरदास और शिवमंगल सिंह सुमन की काव्यगत विशेषता

(क) दो रचनाएँ (ख) भावपक्ष-कलापक्ष (ग) साहित्य में स्थान

का साहित्य...

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