भवानी प्रसाद मिश्र का साहित्य में योगदान है। स्पष्ट किजिए।
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भवानी प्रसाद मिश्र का साहित्य में योगदान है। स्पष्ट कीजिए।
भवानी प्रसाद मिश्र का साहित्य में आधुनिक हिंदी साहित्य में बहुत योगदान रहा है | वह हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे तथा गांधीवादी विचारक थे।आज भी उन्हें साहित्य में याद किया जाता है |
व्याख्या :
भवानीप्रसाद मिश्र का जन्म 1914 में मध्य प्रदेश में होंशगाबाद जिले में टिगरिया गाँव में हुआ था | भवानी जी को साहित्य में रूचि उनके पिता जी की देन थी |
गीतफरोश मिश्र जी का प्रथम काव्य-संकलन था | 1930 में भवानी जी ने कविताएँ लिखने की शुरुआत की थी | भवानी जी ने अपनी कृतियों में गीत फरोश, चकित है दुख, गान्धी पंचशती, बुनी हुई रस्सी, खुशबू के शिलालेख, त्रिकाल सन्ध्या, व्यक्तिगत आदि लिखी | अपनी रचनाओं में उन्होंने छंदों का प्रयोग किया था |
‘बुनी हुई रस्सी’ कृति के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। उनके बहुत सी कविताओं और कृतियों के लिए उन्हें अनेक पुरूस्कारों से नवाज़ा गया था | भवानी जी ने भारत सरकार का पद्म श्री अलंकार से भी नवाज़ा गया था |