भविष्य कविता से चित्त से देशानुरागी का अर्थ बताइए
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भाव स्पष्ट कीजिए -“मुख से न होकर चित्त से देशानुरागी हो सदा"। उत्तर : प्रस्तुत पंक्ति का भाव यह है कि हमें अपने मन से देश से प्रेम करना चाहिए। अर्थात् हमें सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें कर देशानुरागी नहीं बनना चाहिए परंतु विकट परिस्थितियों में आगे बढ़कर देश को सहारा देना चाहिए।
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