Bhavarth of ham deewano ki hasti explanation
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“हम दीवानों की क्या हस्ती” कविता का भावार्थ
“हम दीवानों की क्या हस्ती” कविता की रचना कवि ‘भगवती चरण वर्मा’ ने की है।
इस कविता में कवि मस्तमौला स्वभाव और बेफिक्री वाली जिंदगी को रूपांकित किया है। सुख हो या दुख, हर स्थिति में एक समान ही रहना और सब जगह प्रेम बांटते जाना ही दीवानों का स्वभाव होता है।
भावार्थ —
कवि कहता है कि अपनी मस्ती में रहने वाले दीवाने लोगों का क्या कहना। वह तो बस अपनी मस्ती में ही जीवन का आनंद लेते हैं। वह एक जगह नहीं ठहरते। वे रमता जोगी बहता पानी की तरह हैं। जो जगह-जगह प्रेम और खुशी बांटते हुए चलते चले जाते हैं। स्नेह और अच्छाईयां बांटते हुए चलते चले जाते हैं। उनके जाने से हर जगह प्रसन्नता का वातावरण हो जाता है।
कवि कहता है कि ऐसे जिंदादिल लोगों को सब लोग पसंद करते हैं। ऐसे दीवाने लोग किसी के दुख में शामिल होकर उसके साथ आंसू बहाकर उसके गम को हल्का करते हैं तो किसी की खुशी में शामिल होकर उसकी खुशी को दोगुना कर देते हैं। किसी के आंसुओं को पोंछ दिया तो कहीं किसी की हंसी में कहकहे लगा लिये।
कवि कहता है यह दुनिया क्या है। यह दुनिया के लोग भिखारी के समान है जो हमेशा भगवान से कुछ ना कुछ मांगते ही रहते हैं। इस दुनिया में ज्यादातर लोग भिखारी ही हैं, ऐसे में भिखारियों की इस दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपनी मर्जी से अपना जीवन जीते हैं। जो कुछ नहीं मांगते केवल देना जानते हैं प्यार के रूप में, स्नेह के रूप में, खुशी के रूप में कुछ न कुछ सबको बांटते चले जाते हैं।
कवि कहता है एक सांसारिक व्यक्ति कभी जीवन के सच्चे आनंद को नहीं ले सकता। जीवन के सच्चे आनंद को भोगने के लिए सारी कामनाओं का, सारी इच्छाओं का त्याग आवश्यक है और मस्त मौला होकर बेफिक्री से जीवन जीने से ही जीवन का सच्चा आनंद मिलता है।
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Letters to the editor
Important lesson
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Mar 31, 2020
Apropos ‘It’s getting worse for Xi Jinping’ (March 28), the complacency in the initial days of the corona outbreak and the opacity in the distribution of information has cost Xi Jinping his credibility. If it was not for China’s selfish attempts to conceal information, the coronavirus, in all likeliness, would not have exacerbated into a pandemic. An evident fiasco, China’s misgovernance has cost lives, livelihoods and economies. Most countries are in a state of lockdown. This incident is an important lesson for the citizens of India — favour only those governments that are transparent with regard to communication of information.
Nissim Aggarwal, Chandigarh