भय' शब्द पर सोचिए। सोचिए की मन में किन-किन चीज़ों का भय बैठा है ? उससे निबटने के लिए आप क्या करते हैं और कवि की मनःस्थिति की तुलना कीजिए।
Answers
भय ऐसा भाव है, सब को भय होता है |
वह किसी की रूप में होता है | वह तब पैदा होता है, जब हम किसी स्थिति या वस्तु को पसंद नहीं करते या उसका सामना करना नहीं चाहते हैं। यह वह स्थिति होती है, जब हम भागते हैं। जब हमारे सामने वह उपस्थित हो जाता है, तब हमें भय होता है|
इससे हर कोई बचना चाहता है क्योंकि सब के मन में किसी-न-किसी के लिए भय होता है।
कवि और मेरे मन की स्थिति का डर बहुत अलग है। कवि का भय अपनी प्रेमिका के प्रेम से पैदा हुआ था | उसे वह प्रेम पसंद भी है और वह उससे परेशान भी हो जाता है।
मेरे साथ ऐसा नहीं है। मैं केवल अकेले रहने से डरता था। मुझे अकेला रहना मुझे बिलकुल पसंद नहीं है , मुझे अकेले रहने से बहुत डर लगता है|
अपने से डर से निपटने के लिए मैंने अपने दिमाग और दिन को समझा लिया और कोशिश की अकेले रहने में कोई डर नहीं है , हमें हमेशा हिम्मत रखनी चाहिए और डर को दूर भगा देना चाहिए|