bhed aur bhediya me range siyar ka charitra chitran
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भेड़ और भेड़िया कहानी में रंगे सियार का चरित्र-चित्रण
‘भेड़ और भेड़िया’ कहानी ‘हरिशंकर परसाई’ द्वारा लिखित एक व्यंग्यात्मक कहानी है।
भेड़ और भेड़िया कहानी के माध्यम से लेखक ने वो ही बताने की कोशिश की जो आज की राजनीति मे होता है।
रंगा सियार उन चापूलसों का प्रतिनिधत्व करता है जो आज की राजनीति में पाये जाते हैं, और नेता लोगों की चमचागीरि करके अपना हित साधते रहते हैं। रंगा सियार भी चापलूस है, स्वार्थी है, मतलबपरस्त है। वो चतुर और चालाक है, उसे मालुम है कि भेड़िये की चापलूसी करके वह जंगल में बना रहा सकता है। इसलिये वह भेड़िये की जय-जयकार करके स्वयं को सुरक्षित स्थिति में रखता है और अपना हित साधता रहता है।
रंगा सियार एक चापलूस, अवसरवादी, चालाक, चतुर और धूर्त प्राणी है।
Answer:
‘भेड़ और भेड़िया’ कहानी ‘हरिशंकर परसाई’ द्वारा लिखित एक व्यंग्यात्मक कहानी है।
भेड़ और भेड़िया कहानी के माध्यम से लेखक ने वो ही बताने की कोशिश की जो आज की राजनीति मे होता है।
रंगा सियार उन चापूलसों का प्रतिनिधत्व करता है जो आज की राजनीति में पाये जाते हैं, और नेता लोगों की चमचागीरि करके अपना हित साधते रहते हैं। रंगा सियार भी चापलूस है, स्वार्थी है, मतलबपरस्त है। वो चतुर और चालाक है, उसे मालुम है कि भेड़िये की चापलूसी करके वह जंगल में बना रहा सकता है। इसलिये वह भेड़िये की जय-जयकार करके स्वयं को सुरक्षित स्थिति में रखता है और अपना हित साधता रहता है।
रंगा सियार एक चापलूस, अवसरवादी, चालाक, चतुर और धूर्त प्राणी है।
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