बकुल! फिर आना
मालती जोशी short explanation
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bakul come again
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Explanation:
आउटसाइडर कहानी मालती जोशी जी द्वारा लिखित एक पारिवारिक पृष्ठभूमि पर आधारित कहानी है ,जिसमें उन्होंने एक ४५ वर्षीय अविवाहित महिला नीलम का चित्रण किया है। नीलम जिसने अपना सम्पूर्ण जीवन अपने परिवार को दिया ,फिर भी परिवार उसे बाहरी व्यक्ति मानता है। अपनों के बीच में ही पराया बन जाना आउटसाइडर कहानी की मूल कथावस्तु है। कथा का प्रारम्भ परिवार में सबसे छोटे भाई सुमित की शादी से होता है। सुमित की शादी में पूरा परिवार एकत्रित होता है। सुमित का हनीमून के लिए बाहर रवाना होने पर ,घर में सभी लोग दरिंग रूम में नीलम से बैठने की जिद करते है. इसी बैठक में सुदीप नीलम से विवाह करने को कहता है।साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों ने भी कहा है कि आपको किसी अच्छे इंसान से विवाह करके गृहस्थी बसा लेनी चाहिए। इस बात पर नीलम क्रोधित हो जाती है। उसे यह बात बुरी लगी कि दामाद और बहुएँ भी वही बैठी है ,उनके सामने इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए। लेकिन पूनम के पति नरेश भी शादी के लिए अनुरोध करने लगे। तो नीलम ने अधिक उम्र हो जाने के कारण विवाह न करने का कारण बताया। दूसरे दिन भाई -बहनों ने नीलम के सामने प्रस्ताओं की एक लम्बी -चौड़ी लिस्ट थमा दी और सभी नीलम की प्रतिक्रिया जानने को उत्सुक थे।नीलम ने लखनऊ वाले के प्रस्ताव के बारे में कहा कि मुझे शादी के तुरंत बाद नानी बनने का कोई शौक नहीं है साथ ही बरेली वाले दोमुँहे है। नरेश के जीजा वाला प्रस्ताव ,जिसमें डिप्टी कलेक्टर है ,लेकिन नीलम ने यह कह कर प्रस्ताव खारिज कर दिया ,उनकी लड़की ने पिता के शादी करने पर आत्म हत्या करने की धमकी दी है।इस प्रकार नीलम ने सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया।
इन बातों को सुनकर सुषमा ने कहा कि इन्होने इस घर पर एकक्षत्र राज किया है।शासन चलाया है ,इस हालत में पति की जी हुज़ूरी करना इनके वश की बात नहीं है।छोटी बहन पूनम ने भी नीलम को समझाया कि तुमने चाहे ,जितनी कुर्बानियां दी है ,इस परिवार के लिए ,लेकिन यह घर तुम्हारे लिए पराया ही रहेगा ,तुम हमेशा आउट सीडर की मानी जाओगी। जब तक नौकरी रहेगी ,तब तक यह परिवार तुम्हे पूछेगा ,अन्यथा तुम फ़ालतू सामान बनकर रह जाओगी।
सुमित की शादी के लिए नीलम ने १५ दिनों की छुट्टी ली थी ,लेकिन वह सुदीप के साथ अधिक वक्त बिताना चाहती थी ,इसीलिए उसने आगे की छुट्टी बढ़ाने के लिए आवेदन करने स्कूल पहुँची ,तो प्रिंसिपल ने बताया कि नीलम को ट्रासंफर आर्डर आया है तथा उसका प्रमोशन करके प्रिंसिपल बनाकर बस्तर जाना होगा। अतः वह चुपचाप छुट्टी का आवेदन देकर घर आ आ गयी।घर लौटने समय उसने परिवार के लिए ढेर - सारी ख़रीददारियाँ की। सुदीप की लड़की के लिए रसगुल्ले ख़रीदे।
घर पहुँच कर अपने कमरे में पहुँचने ही वाली थी कि अलका व सुषमा की बातें सुनकर ठिठक गयी। अलका कह रही थी कि सब लोग तो चले जाएंगे, उम्र कैद तो हमें लिखी है।सुषमा कहती है कि यह समझ लो कि यह हम लोगों की ननद नहीं ,सास है।
शाम के समय खाने के मेज़ पर जब परिवार के सभी सदस्य खाने के मेज़ पर जब परिवार के सभी सदस्य एकत्रित हुए तो नीलम ने घोषना कि मैं प्रमोशन की मिठाई है। मैं प्रिंसिपल बनकर बस्तर जा रही हूँ। इस बात पर परिवार के किसी सदस्य ने प्रतिरोध नहीं किया। इस प्रकार नीलम को इस बात का एहसास हो गया कि वह परिवार के लिए आउटसाइडर है।