Hindi, asked by kanikagiri8, 4 months ago

बरसे बदरिया सावन की। सावन की, मन भावन की।।

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Answer:

बरसे बदरिया सावन की।

सावन की मन भावन की॥

सावन में उमंगयो मेरो मनवा।

झनक सुनी हरि आवन की॥

उमड़ घुमड़ चहुँ देस से आयो।

दामिनी धमके झर लावन की॥

नन्हे नन्हे बूंदन मेघा बरसे।

शीतल पवन सुहावन की॥

मीरा के प्रभु गिरिधर नगर।

आनंद मंगल गावन की॥

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