Hindi, asked by mky2444290, 1 year ago

बस अड्डे के पनवाडी पर अनुच्छेद

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Answered by pikachhu
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आजकल पंजाब में लोग अधिकतर बसों से ही यात्रा करते हैं । पंजाब का प्रत्येक गाँव । मुख्य सड़क से जुड़ा होने के कारण बसों का आना-जाना अब लगभग हर गाँव में होने लगा है । बस अड्डों का जब से प्रबंध पंजाब रोडवेज के अधिकार क्षेत्र में आया है बस अड्डों का हाल दिनों-दिन बुरा हो रहा है। हमारे शहर का बस अड्डा भी उन बस अड्डों में से एक है जिसका प्रबन्ध हर दृष्टि से नाकारा है । इस बस अड्डे के निर्माण से पूर्व बसें अलग-अलग स्थानों से अलग-अलग अड्डों ज्यों-ज्यों समय बीतता गया जनता की कठिनाइयाँ, परेशानियाँ बढ़ने लगीं । हमारे शहर के बस अड्डे पर भी अन्य शहरों की तरह अनेक दुकानें बनाई गई हैं । जिनमें खान पान फल-सब्ज़ियों आदि की दुकानों के अतिरिक्त पुस्तकों की, मनियारी आदि की भी दुकानें हैं । हलवाई की दुकान से उठने वाला धुआँ सारे यात्रियों की परेशानी का बनता है । चाय पान आदि की दुकानों की साफ सफ़ाई की तरफ कोई ध्यान नहीं देता। वहाँ माल भी महँगा मिलता है और गंदा भी। बस अड्डे में अनेक फलों की रेहड़ी वालों को भी माल बेचने की आज्ञा दी गई है । ये लोग काले लिफाफे रखते हैं जिनमें वे सड़े गले फल पहले से ही तोल कर रखते हैं और लिफाफा इस चतुराई से बदलते हैं कि यात्री को पता नहीं चलता । घर पहुँच कर ही पता चलता है कि उन्होंने जो फल (सेब या ) चुने थे वे बदल दिये गये हैं । अड्डा इंचार्ज इस सम्बन्ध में कोई कार्यवाही नहीं क। बस अड्डे की शौचालय की साफ-सफाई न होने के बराबर है । यात्रियों को टिकट देने के लिए लाइन नहीं लगवाई जाती । बस आने पर लोग भाग दौड़ कर बस में सवार हैं । औरतों, बच्चों और वृद्ध लोगों का बस में चढ़ना ही कठिन होता है । बहुत बार देखा गया है कि जितने लोग बस के अन्दर होते हैं उतने ही बस के ऊपर चढ़े होते हैं । पंजा में एक कहावत प्रसिद्ध है कि रोडवेज़ की लारी न कोई शीशा न बारी । पर बस अड्डो का हाल तो उनसे भी बुरा है । जगह-जगह खड्डे, कीचड, मक्खियाँ मच्छर और न जाने क्या क्या। आज यह बस अड्डे जेब कतरों और नौसर बाजों के अड्डे बने हुए हैं हर । यात्री को अपने-अपने घर पहुंचने की जल्दी होती है इसलिए कोई भी बस अड्डे की । दुर्दशा की ओर ध्यान नहीं देता ।

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