बस को देखकर लेखक के मन में श्रद्धा क्यों उमड़ पड़ी
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Class 8th
Hindi
Chapter 3
Bus ki Yarra
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लेखक ने यह कथन व्यंग्य स्वरूप लिखा है। हम भारतीयों को यह संस्कार है कि हम बूढे-बुजुर्ग पुरुष या महिलाओं को अत्यंत सम्मान और श्रद्धा की दृष्टि से देखते हैं। बस भी अत्यंत पुरानी और जर्जर अवस्था में थी। इसलिए लेखक ने बस का मानवीकरण करते हुए लिखा है कि वयोवृद्ध बस को देखकर मन में श्रद्धा को. भाव उमड़ पड़ा।
बस को देखकर लेखक के मन में श्रद्धा क्यों उमड़ पड़ी?
व्याख्या :
लेखक को बस को देखकर लेखक के मन में श्रद्धा इसलिए उमड़ रही थी, क्योंकि बस की हालत बेहद जर्जर थी। बस बहुत जीर्ण-शीर्ण अवस्था वाली बस थी और बेहद पुरानी थी। वो सदियों के अनुभव का निशान लिए हुए थी।
बस को देखकर लेखक को उसके वयोवृद्ध होने का एहसास हो गया था और इसीलिए लेखक के मन में श्रद्धा उमड़ रही थी। लेखक को लग रहा था कि सदियों के अनुभव का निशान लिए यह वयोवृद्ध बस उसे और उसकी मित्रों को उसकी मंजिल तक नहीं पहुंचा पाएगी। इस वृद्धावस्था में इसे कष्ट देना उचित नहीं होगा। इसीलिए बस की जर्जर हालत देखकर लेखक के मन में श्रद्धा उमड़ रही थी और वह उस बस से सफर नहीं करना चाह रहा था।
'बस की यात्रा' पाठ में लेखक हरिशंकर परसाई ने एक जर्जर हालत की बस में हुए अपने सफर का व्यंग्यात्मक वर्णन किया है।
#SPJ3
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