बसंत पंचमी पर्व पर अनुच्छेद लिखिए(60 से 80 शब्दों में)l
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बसंत पंचमी पर निबंध
25 January 2020 by Editors
बसंत पंचमी in Hindi Essay, Hindi Essay on Basant Panchami (Festival)
हमारे देश में बसंत पंचमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती देवी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। पुरातन युग में, इस दिन राजा सामंतों के साथ हाथी पर बैठकर नगर का भ्रमण करते हुए देवालय पहुँचते थे। वहाँ धिपूर्वक कामदेव की पूजा की जाती थी और देवताओं पर अन्न की बालियाँ चढ़ाई जाती थीं।
बसंत पंचमी पर हमारी फसलें-गेहूँ, जौ, चना आदि तैयार हो जाती हैं इसलिए इसकी खुशी में हम बसंत पंचमी का त्योहार मनाते हैं। संध्या के समय बसंत का मेला लगता है जिसमें लोग परस्पर एक-दूसरे के गले से लगकर आपस में स्नेह, मेल-जोल तथा आनंद का प्रदर्शन करते हैं। कहीं-कहीं पर बसंती रंग की पतंगें उड़ाने का कार्यक्रम बड़ा ही रोचक होता है। इस पर्व पर लोग बसंती कपड़े पहनते हैं और बसंती रंग का भोजन करते हैं तथा मिठाइयाँ बाँटते हैं।
ऋतुराज बसंत का बड़ा महत्त्व है। इसकी छटा निहारकर जड़-चेतन सभी में नव-जीवन का संचार होता है। सभी में अपूर्व उत्साह और आनंद की तरंगें दौड़ने लगती हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह ऋतु बड़ी ही उपयुक्त है। इस ऋतु में प्रात:काल भ्रमण करने से मन में प्रसन्नता और देह में स्फूर्ति आती है। स्वस्थ और स्फूर्तिदायक मन में अच्छे विचार आते हैं। यही कारण है कि इस ऋतु पर सभी कवियों ने अपनी लेखनी चलाई है।
हमारे देश में छः ऋतुएँ होती हैं, जो अपने क्रम से आकर अपना पृथक-पृथक रंग दिखाती हैं। परंतु बसंत ऋतु का अपना अलग एवं विशिष्ट महत्त्व है। इसीलिए बसंत ऋतुओं का राजा कहलाता है। इसमें प्रकृति का सौन्दर्य सभी ऋतुओं से बढ़कर होता है। वन-उपवन भांति-भांति के पुष्पों से जगमगा उठते हैं। गुलमोहर, चंपा, सूरजमुखी और गुलाब के पुष्पों के सौन्दर्य से आकर्षित रंग-बिरंगी तितलियों और मधुमक्खियों के मधुरस पान की होड़-सी लगी रहती है। इनकी सुंदरता देखकर मनुष्य भी खुशी से झूम उठता है। विद्यार्थियों के लिए भी यह त्योहार बहुत आनं
ददायक होता है।
इस पर्व पर विद्यालयों में सरस्वती पूजा होती है और शिक्षक विद्यार्थियों को विद्या का महत्त्व बताते हैं तथा पूरे उल्लास के साथ पढ़ने की प्रेरणा देते हैं।
Answer:
प्रायः जब किसी वस्तु को अत्यंत तुच्छ बताना होता है तो लोग कह उठते हैं कि यह तो मिट्टी के भाव मिल जाएगी। लोगों की धारणा मिट्टी के प्रति भले ही ऐसी हो परंतु तनिक-सी गहराई से विचार करने पर यह धारणा गलत साबित हो जाती है। समस्त जीवधारियों यहाँ तक पेड़-पौधों को भी यही मिट्टी शरण देती है। आध्यात्मवादियों का तो यहाँ तक मानना है कि मानव शरीर निर्माण के लिए जिन तत्वों का प्रयोग हुआ है उनमें मिट्टी भी एक है।
जब तक शरीर जिंदा रहता है तब तक मिट्टी उसे शांति और चैन देती है और फिर मृत शरीर को अपनी गोद में समाहित कर लेती है।पृथ्वी पर जीवन का आधार यही मिट्टी है, जिसमें नाना प्रकार के फल, फ़सल और अन्य खाद्य वस्तुएँ पैदा होती हैं, जिसे खाकर मनुष्य एवं अन्य प्राणी जीवित एवं हृष्ट-पुष्ट रहते हैं। यह मिट्टी कीड़े-मकोड़े और छोटे जीवों का घर भी है। यह मिट्टी विविध रूपों में मनुष्य और अन्य जीवों का कल्याण करती है।
विभिन्न देवालयों को नवजीवन से भरकर कल्याणकारी रूप दिखाती है। मिट्टी का बच्चों से तो अटूट संबंध है। इसी मिट्टी में लोटकर, खेल-कूदकर वे बड़े होते हैं और बलिष्ठ बनते हैं। मिट्टी के खिलौनों से खेलकर वे अपना मनोरंजन करते हैं। वास्तव में मिट्टी हमारे लिए विविध रूपों में नाना ढंग से उपयोगी है।♡