Hindi, asked by Aggud1163, 9 months ago

बस्तियों को शहर की किस आबो-हवा से बचाने की आवश्यकता है?

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Answered by Anonymous
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Answer:

आदिवासी बस्तियों को शहर की चकाचौंध एवं कृत्रिम दिनचर्या से बचाकर रखने की आवश्यकता है। शहरी वातावरण में पर्यावरण प्रदूषण की भी समस्या है। शहर के प्रभाव को ग्रहण करने से संथाली समाज वाली बस्तियों का पर्यावरण भी प्रभावित होगा। यहाँ की बस्तियाँ सांस्कृतिक प्रदूषण की भी शिकार हो जाएँगी। इन प्रभावों से यहाँ की बस्तियों को बचाकर रखना होगा।

Answered by Anonymous
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बस्तियों को शहर की आबो हवा से बचाने कि आवश्यकता है बस्तियों को शहर की आबो हवा से बचाने कि आवश्यकता है कारण

• शहरों में लोगों का भावनात्मक जुड़ाव नहीं है।

• आपसी विश्वास, खिलखिलाती हंसी तथा भोलापन नहीं है।

• इन कमियों से संथाली बस्तियों को बचाना बहुत जरूरी है।

• आदिवासी लोग भी शहरी जीवन जी रहे है।

• शहरों के प्रभाव में आकर दिनचर्या ठंडी होती जा रही है।

• जंगल कट रहे हैं। बस्तियों के आंगन सिकुड़ रहे हैं।

• नाच गाना, मस्ती भरी जिंदगी को शहरी प्रभाव से बचना जरूरी है।

• शहरों में लोगों का भावनात्मक जुड़ाव नहीं है।

• आपसी विश्वास, खिलखिलाती हंसी तथा भोलापन नहीं है।

• इन कमियों से संथाली बस्तियों को बचाना बहुत जरूरी है।

• आदिवासी लोग भी शहरी जीवन जी रहे है।

• शहरों के प्रभाव में आकर दिनचर्या ठंडी होती जा रही है।

• जंगल कट रहे हैं। बस्तियों के आंगन सिकुड़ रहे हैं।

• नाच गाना, मस्ती भरी जिंदगी को शहरी प्रभाव से बचना जरूरी है।

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