Hindi, asked by satnamkaur62300, 1 month ago

बतगचाशकापकर
दिए
मानव बुद्धिशील प्राणी है। जिस विषय पर दूसरे प्राणी विचार नहीं कर सकते हैं, उन पर वह चिंतन
करता है। इसी कारण वह संसार के समस्त जीवधारियों में श्रेष्ठ माना जाता है। जहाँ एक ओर उसमें
विद्या, बुद्धि, प्रेम आदि श्रेष्ठ गुण विद्यमान हैं, वहीं दूसरी ओर वह राग, द्वेष, हिंसा आदि बुरी
प्रवृत्तियों से भी ओत-प्रोत है। अपने अंदर श्रेष्ठ तत्वों का विकास करने के लिए मानव को स्वावलंबी
बनना पड़ेगा। दूसरों का सहारा छोड़कर केवल अपने सहारे पर जीवन बिताना स्वावलंबन कहलाता है।
अपने पैरों पर खड़ा होने वाला व्यक्ति न तो समाज में निरादर पाता है और न घृणा का पात्र ही. please tell me gadayansh ka name ​

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Answered by mohit8349
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"manav ki visesta" is the heading of this paragraph

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