Hindi, asked by ansarahmadansari68, 6 months ago

"बदला-बदला-सा मौसम है बदले-से लगते हैं सुर । दीदा फाड़े शहर देखता गाँव देखता टुकुर-टुकुर । " इस काव्य पंक्ति का भावार्थ ३० से ४० शब्द मे लिखे |

Answers

Answered by popatshinde1483
12

Answer:

बदला सा मौसम है । बदले से सुर है।आनी के आजचे वातावरण कुछ बदला हुआ लगता है।और इसके साथ सुर बदला है।इसीलिए शहर दीदा फाड़कर देखता है।और गाँव टुकुर-टुकुर देखता है।

Answered by bhatiamona
6

"बदला-बदला-सा मौसम है बदले-से लगते हैं सुर । दीदा फाड़े शहर देखता गाँव देखता टुकुर-टुकुर ।

कवि प्रदीप शुक्ला द्वारा लिखी गई 'गाँव-शहर' नामक कविता की इन पंक्तियों का भावार्थ इस प्रकार है।

व्याख्या :

कवि कहता हैं कि आज चारों तरफ परिवर्तन की लहर दिखाई दे रही है। जिधर आँखे दौड़ाओ और वहां बदलाव नजर आता है। यानी कि वातावरण का मिजाज काफी बदला बदला लग रहा है। कवि गाँव और शहर में आए इस बदलाव को बड़े आश्चर्य से देख रहा है। वह पहले शहर की ओर देखता है और फिर अपने गाँव की ओर टकटकी लगा कर देखता है। वह यह देखकर दंग रह जाता है कि जब गाँव से लोग रोजगार और काम की तलाश में शहरों की ओर दौड़े चले आ रहे हैं। शहर खचाखच भरते जा रहे हैं जबकि गाँव खाली होते जा रहे है।

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