Hindi, asked by durgeshmaurya7661, 1 year ago

बदलने की क्षमता ही बुध्दिमता का माप है

Answers

Answered by srishti7750
3

Answer:

Haa,badala ne ki chamta hi bhudhimaath ka maap hai.

Answered by GauravSaxena01
1

Explanation:

बदलने और बदलाव  लेने की क्षमता ही बुद्धिमत्ता का माप है | यह बिलकुल सत्य है , समय के साथ अच्छे काम के लिए बदलना बहुत जरूरी है और यही एक समझदारी है | समय के साथ बुत सारी चीज़ें बदल रही है , और बहुत सारे ने आविष्कार हो रहे है | इसलिए सफल होने के लिए हमें भी समय के साथ बदलना चाहिए और नए-नए चीज़ें और बातों को समझना चाहिए | बुद्धिमत्ता यह है कि कोई भी अध्ययन, समझ और सीखने के द्वारा सुधार कर सकता है।  

हरिशंकर परसाईजी के द्वारा उद्धृत किया गया है " परिवर्तन जीवन का अनंत क्रम है "। जीवन वस्तुतः परिवर्तनशील ही है और यह परिवर्तन या बदलाव मनुष्य के विकास में साधक बनकर समय-समय पर आगंतुक के रुप में आते हैं और कालांतर में पुनः एक नए परिवर्तन द्वारा तिरोहित हो कर समय की धारा में प्रवाहित हो जाते हैं | इस तरह ये क्रम सातत्य रूप से गतिमान होता रहता है |  मनुष्य के द्वारा इनका स्वीकार एक सधी हुई मानसिकता का प्रतीक और बुद्धिमत्ता तथा प्रगति शील होने का द्योतक है।

हरिशंकर परसाईजी के द्वारा उद्धृत किया गया है " परिवर्तन जीवन का अनंत क्रम है "। जीवन वस्तुतः परिवर्तनशील ही है और यह परिवर्तन या बदलाव मनुष्य के विकास में साधक बनकर समय-समय पर आगंतुक के रुप में आते हैं और कालांतर में पुनः एक नए परिवर्तन द्वारा तिरोहित हो कर समय की धारा में प्रवाहित हो जाते हैं | इस तरह ये क्रम सातत्य रूप से गतिमान होता रहता है |  मनुष्य के द्वारा इनका स्वीकार एक सधी हुई मानसिकता का प्रतीक और बुद्धिमत्ता तथा प्रगति शील होने का द्योतक है।      

                             जब हम इतिहास के पन्नों को पलट कर देखते हैं तो पाते हैं कि हमारे अतीत में कई प्रकार के बदलाव आए जिनका कभी कट्टरता से कभी सौजन्यता से,  कभी सद्भाव से तो कभी दुर्भाव से अवगाहन किया गया । यह इस तथ्य का परिचायक है कि जीवन में जो घटनाएं घट चुकी हैं उन्ही से सीख कर मनुष्य आगे बढ़ना चाहता है। वह अग्रसर होता है जब वह स्वयं को इन बदलावों में ढाल लेता है।

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@GauravSaxena01

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