Hindi, asked by deepesh6527, 9 months ago

Buddhi bhagwan ki den hai aur vidya guru ki is topic par ek essay likhiye

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Answered by Anonymous
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ईश्वर ने हम सब मनुष्यों को एक आकार का बनाया है। सबके पास मस्तिष्क है। आंख है,नाक है ,कान है। हम मस्तिष्क से बुद्धि लगाकर अपना काम करते हैं। हमारी बुद्धि ईश्वर की सबसे बड़ी देन है।

लेकिन इस बुद्धि को विकसित करने में हमारी और मदद करती है। हमें विद्या मिलती कहां से है स्कूल में हमारे गुरु से यानी की हमारे शिक्षक से। जो हमारे ज्ञान को बढ़ाने में हमारी मदद करते हैं। यदि गुरु न हो तो जीवन में सही रास्ता अपनी बुद्धि से चुनना मुश्किल है।

अर्थात हम अपने जीवन को पशुता से ऊपर उठाकर विद्या संपन्न, गुण संपन्न बनाएँ, बसंत पंचमी इसी प्रेरणा का त्योहार है। बसंत पंचमी शिक्षा, साक्षरता, विद्या और विनय का पर्व है। यह कला, विविध गुण, विद्या, साधना को बढ़ाने और उन्हें प्रोत्साहित करने का पर्व है। मनुष्यों मेंसांसारिक, व्यक्तिगत जीवन का सौष्ठव, सौंदर्य, मधुरता उसकी सुव्यवस्था यह सब विद्या, शिक्षा तथा गुणों के ऊपर ही निर्भर करते हैं। अशिक्षित, गुणहीन, बलहीन व्यक्ति को हमारे यहाँ पशु तुल्य माना गया है।

बसंत पंचमी भगवती सरस्वती के जन्मदिन का पर्व है। इस दिन देवी सरस्वती की प्रतिमा का पूजन-अर्चन करना चाहिए। इसका तात्पर्य यह है कि शिक्षा की महत्ता को शिरोधार्य किया जाए, अपनी आज की ज्ञान सीमा जितनी है उसे और अधिक बढ़ाने का प्रयास किया जाए। माँ सरस्वती के पूजन-वंदन के साथ ज्ञान के विस्तार की प्रेरणा ग्रहण की जाए। स्वाध्याय (नियमित पठन-पाठन) हमारे दैनिक जीवन का अंग बन जाएँ, ज्ञान की गरिमा को हम समझने लग जाएँ और उसके लिए मन में तीव्र उत्कंठा जागे तो समझना चाहिए कि सरस्वती पूजन की प्रक्रिया ने अंतःकरण में प्रवेश पा लिया।

भगवती सरस्वती के हाथ में वीणा है, उनका वाहन मयूर है, मयूर अर्थात मधुर भाषी। हमें सरस्वती का अनुग्रह प्राप्त करने के लिए मयूर समान बनना चाहिए। मीठा, नम्र, विनीत, सज्जनता, शिष्टता और आत्मीयता युक्त संभाषण हर किसी से करना चाहिए। हर किसी के सम्मान की रक्षा कर उसेगौरवान्वित करें। प्रकृति ने भोर को कलात्मक एवं सुंदर बनाया है। हमें भी अपनी अभिरुचि परिष्कृत बनानी चाहिए।

माँ सरस्वती के जन्मदिन के अवसर पर प्रकृति खिलखिला पड़ती है। हँसी और मुस्कान के फूल खिल पड़ते हैं। उल्लास और उत्साह के प्रतीक नवीन पल्लव प्रत्येक वृक्ष पर दिखाई देते हैं। मनुष्य में भी ज्ञान का, शिक्षा का प्रवेश होता है- सरस्वती का अनुग्रह बरसता है।

Answered by unknowndad28
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please don't mind my hand writing

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