Budhi Kaki story by Premchand summary in hindi 70 to 100 words
Answers
'बूढ़ी काकी' कहानी मुंशी प्रेमचन्द के द्वारा लिखी है |
यह एक कहानी 'बूढ़ी काकी' और उसके गोद लिए हुए भतीजे और बहु की है जो 'बूढ़ी काकी' पर चिल्लाते रहते और खाना समय से नहीं देते थे |
इस कहानी में मैं एक छोटी बच्ची होती है | वह काकी के भतीजे की बेटी होती है | वह काकी से साथ होते हुए अन्याय को देखती रहती थी | उसकी माता-पिता कैसे काकी से साथ बुरा व्यवहार करते है | वह काकी को चुपके-चुपके खाना देती और भी खाने की चीज़ें देती रहती थी | बच्चे सब समझते उन्हें सही और गलत की पहचान होती है | बच्चे भी जगत मैं भी वास्तविकता को देखते है और समझते है| हमें अपने बुजुर्गों के साथ कभी भी बुरा व्यवहार नहीं करना चाहिए |
रूपा स्वभाव से तीव्र थी सही, पर ईश्वर से डरती थी। रूपा स्वभाव से गुस्से वाली थी , बात पर चिल्लाती थी | अंत में उसे अहसास हो जाता उसने 'बूढ़ी काकी' के साथ गलत किया और वह भगवान से माफ़ी माँगती |
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
संबंधित कुछ अन्य प्रश्न...►
https://brainly.in/question/13011901
Budhi kaki me vyakt ki samasya ko aaj ke sandarbh me vyakt kare
Answer:
कथानक की पूर्णता बुद्धिराम की पत्नी द्वारा बूढ़ी काकी को जूठन चाटते हुए देखने पर उत्पन्न आत्मग्लानि एवं पछतावे के साथ कर प्रेमचन्द ने समाज में सुधार की भावना लाने की कोशिश करते हैं।
Explanation:
कथानक की पूर्णता बुद्धिराम की पत्नी द्वारा बूढ़ी काकी को जूठन चाटते हुए देखने पर उत्पन्न आत्मग्लानि एवं पछतावे के साथ कर प्रेमचन्द ने समाज में सुधार की भावना लाने की कोशिश करते हैं। वह ईश्वर से भी डरती है और बूढ़ी काकी से प्रार्थना करती है कि वह भोजन कर ईश्वर से उन्हें क्षमाकर देने की प्रार्थना कर दे।
एक बूढ़ी औरत नफरत और अपमान में डूबी जिंदगी जीती है। अपने भतीजे बुद्धिराम के तिलक समारोह के अवसर पर, घर मिठाई और पूरियों, कचौरी आदि जैसे व्यंजनों की सुगंध से भरा होता है और इस बीच, वह एक झोपड़ी में रहती है, भूखी, प्यासी और उपेक्षित, कुछ भी आनंद लेने में असमर्थ इस कहानी का नैतिक है कि हमें बुजुर्गों के प्रति सम्मानजनक होना चाहिए।
#SPJ2