Hindi, asked by bharathgoudabkg, 9 months ago

। बड़े-बुजुर्गों के प्रति आदर, श्रद्धा और स्नेह भावनाओं का महत्व अपने शब्दों में बताइए।
लाखए।
पा की बात​

Answers

Answered by swity1636
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Explanation:

एक बुज़ुर्ग महिला से एक युवती ने एक सवाल पूछा की आपको तो जिंदगी का बहुत अनुभव है क्या आप हमें कुछ शिक्षा या नसीहत दे सकती है ?

बुजुर्ग महिला कुछ अपनी जिंदगी की उदेडबुन में थी. और तमतमाकर अजीब सा उत्तर दिया – “तूने कभी बर्तन धोये हैं?”

तो उस युवती ने हैरान होकर जवाब दिया – “जी बिलकुल धोये हैं और रोज़ धोती हु.”

फिर बुजुर्ग महिला ने सवाल किया की “तो क्या सीखा?”

उस युवती ने कहा – “इसमें सीखने वाली बात क्या है?”

बुज़ुर्ग ने महिला ने जवाब दिया – “बर्तन को बाहर से कम, अन्दर से ज़्यादा धोना पड़ता है बेटी”

उस युवती को तुरंत समझ आ गया की उसे क्या शिक्षा मिली है.

क्या आपको भी समझ आया की उस बुजुर्ग महिला ने उस युवती को गुस्से में भी क्या समझाना चाहा अगर नहीं तो चलिए हम बता देते है. उस बुजुर्ग महिला का तात्पर्य था की – “हम सभी शरीर को धोने में लगे हुए है मन को कब धोएंगे?” क्युकी जिस दिन हर इन्सान ने अपना मन धो लिया ये धरती स्वर्ग बन जाएगी

हम बुज़ुर्ग को कैसे मदद कर सकते हैं।

जीवन की दो अवस्था ऐसी होती है, जिसमे हम दूसरों पर निर्भर रहते है| वे अवस्था है – बाल्यावस्था और वृद्धावस्‍था| जब हम बालक होते है| तब कई कामों के लिए हम अपने माता-पिता पर निर्भर होते है| उसी प्रकार जब हम वृद्धावस्‍था में आते है तब हम अपने बच्चों पर निर्भर होने लगते है| वृद्धावस्‍था उम्र का वो आखिरी पड़ाव होता है ,जब व्यक्ति को अनेक शारीरिक और मानसिक समस्याएं होने लगती है| और कुछ लोग को तो इस अवस्था में अकेलापन सताने लगता है| क्योंकि जब इनके बच्चे बड़े हो जाते है और उनकी शादी हो जाती है| तो वे अपनी ही दुनिया में मगन रहने लगते है| और अपने बुजुर्ग माता-पिता पर ध्यान नहीं दे पाते है| और कुछ लोग तो ऐसे भी होते है जो जानबूझ कर अपने बुजुर्गो की देखभाल नहीं करते है| और उन्हें उनके अंतिम पड़ाव पर अकेला छोड़ देते है| लेकिन वे लोग ये नहीं जानते है कि एक दिन उन्हें भी इस अवस्था से गुजरना होगा| और जैसे आज वे अपने बुजुर्ग माता-पिता को अकेला और लाचार छोड़ रहे है| वैसे एक दिन उनके बच्चे भी उन्हें इसी तरह छोड़ देंगे| क्योंकि मनुष्य को अपने कर्मो का फल इसी दुनिया में भोगना पड़ता है| वो जैसा करता है ,उसे आगे चलकर उसका वैसा ही फल मिलाता है| इसलिए हमें हमेशा अपने बुजुर्गो की देखभाल करना चाहिए|

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