बड़े निम्नलिखित गद्यांशों के नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
हम लोग कच्ची मिट्टी की मर्ति के समान रहते हैं जिसे जो जिस रूप का चाहे उस रूप का करे-चाहे राक्षस बनावे, चाहे देवता।
हीं, ऐसे लोगों का साथ करना हमारे लिए बुरा है जो हमसे अधिक दृढ़ संकल्प के हैं, क्योंकि हमें उनकी हर एक बात बिना विरोध
के मान लेनी पड़ती है। पर ऐसे लोगों का साथ करना और बुरा है, जो हमारी ही बात को ऊपर रखते हैं, क्योंकि ऐसी दशा
में न तो हमारे ऊपर कोई दबाव रहता है और न हमारे लिए कोई सहारा रहता है।
(2018HF)
(i) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(iii) हमें किन लोगों का साथ नहीं करना चाहिए?
ना जाना कि खजाना मिल गया। विश्वासपात्र
शान
साथिरः
ट
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1)अपना व लोगों के अलग अलग रूप
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