बढ़े चलो बढ़े चलो कविता का भावार्थ in Hindi
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इस कविता में कवि कहना चाहते है,
तुम पथ पर बढे चलो बढे चलो रूको नहीं डटे रहो चाहे हजार रूकावटें हों, हमेशा हिम्मत रखो, अपना लक्ष्य तय रखो| कितनी भी मुसीबते आए हमारी जान बिखर जाए, फिर भी हिम्मत रख कर तुम पथ पर बढे चलो बढे चलो रूको| तुझमें वह शक्ति है जो कि तेरी भक्ति है दूर नहीं भगवान है पिता वो, तू, पुत्र इंसान है हाथ थाम भगवान का फिर है मंजिल दूर कहां। तुम आगे चलो नई मिसाल कायम करो , नई सोच रखो ,तुम्हें झुकना नहीं है, तुम पथ पर बढे चलो बढे चलो रूको|
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