Hindi, asked by vr97619628, 6 months ago

बढ़ती हुई अनुशासनहीनता के दौर में कक्षा में छात्रों के मध्य संवाद।​

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Answered by lucifer19753
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Answer:

आदरणीय प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, शिक्षकगण तथा मेरे सभी साथी छात्रों आपका आज के इस कार्यक्रम में हार्दिक स्वागत है।

आज हमारे विद्यालय की स्थापना के 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, इन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। जिसके अंतर्गत इस भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है। इस दिन के महत्व को देखते हुए, मैने अपने भाषण के लिए ऐसे विषय को चुना है, जिसने हमारे विद्यालय को आज इस शहर के शीर्ष विद्यालयों की श्रेणी में पहुचाया है।

आज हमारा विद्यालय जिस स्तर पर है, उसका सिर्फ एक ही कारण है और वह है, अनुशासन यह हमारे विद्यालय की वह विशेषता है जो सभी छात्रों को उनके कार्यों के प्रति नियमित बनाने के साथ अपने कार्यों और कर्तव्यों के प्रति उनका सौ प्रतिशत सर्मपण देने के लिए भी प्रेरित करती है। हम सभी छात्रों ने जो सफलता प्राप्त की है। वह सिर्फ हमारे विद्यालय के अनुशासन द्वारा ही संभव हो पाया है क्योंकि हमें हमारे शिक्षकों द्वारा शुरु से ही अनुशासन और आदर्श जीवन की शिक्षा दी गयी और इसके साथ ही हमें समझाया गया कि जीवन में मिलने वाली सफलताओं में इसका कितना बड़ा महत्व है।

अपने भविष्य में चाहे हम जो भी कार्य करें लेकिन हमारे स्कूली जीवन में हमें सिखाया गया यह अनुशासन का पाठ सदैव हमारे काम आयेगा। यही कारण है कि हमारे विद्यालय के कई वरिष्ठ छात्र आज कई बड़ी कंपनियों तथा संगठनों में बड़े पदों पर कार्यरत है। हम जो भी कार्य करते है उसमें अनुशासन बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह हमारी कमियों और हमसे होने वाली गलतियों की संभावना को कम करता है और हमें एक सफल व्यक्ति बनाने में हमारी सहायता करता है।

अनुशासन हमारे जीवन का वह पाठ है, जिसके बिना हमारा जीवन अधूरा है। यदि हमें हमारे जीवन के शुरुआती दौर में अनुशासन की शिक्षा न मिले तो, हमें हमारे जीवन में कई प्रकार की असफलताओं का सामना करना पड़ता है और आज के इस आधुनिक दौर में जहां हर ओर सिर्फ गलाकाट प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है, तो ऐसे स्थिति में अनुशासन के बिना सफलता की आशा भी नही की जा सकती है।

एक छात्र का जीवन अनुशासन पर टिका होता है। आज हम संसार में जितने प्रसिद्ध व्यक्तियों को देखते है। उनके सफलता के पीछे का मुख्य कारण उनका अनुशासन और अपने कार्य के प्रति किया गया समर्पण और लगन है। यही कारण है कि अनुशासन को सफलता की कुंजी भी कहा गया है। हमें सदैव इस बात को लेकर प्रयासरत रहना चाहिये कि हम अपने जीवन में कुछ नया सीखे अपने जीवन में कुछ नया करे क्योंकि अनुशासन के लिए हमें अभ्यास और लगन की भी आवश्यकता होती है।

कई बार सख्त अनुशासन हमे काफी कष्टदायक महसूस होता है लेकिन वास्तव में यह हमारे ही भलाई के लिए होता है क्योंकि परिवर्तन ही संसार की नियम है और जो व्यक्ति अपने जीवन में अनुशासन का पालन करते हुए परिवर्तन को स्वीकार करता है वह अपने जीवन में सफलता अवश्य प्राप्त करता है। इसी तरह जब कई बार हमारे शिक्षक हम पर सख्ती लागू करते है, तो हमें इस बात को समझना चाहिए कि वह ऐसा हमारे भलाई के लिए ही कर रहे है।

जब हमारे शिक्षक हमारी पढ़ाई को लेकर सख्त रुख अपनाते है, तो वह ऐसा सिर्फ इसलिए करते है ताकि हम अपने परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त कर सके। यही कारण है कि कई बार वह हमें डांटते भी है लेकिन ऐसा सिर्फ वह हमारे भलाई के लिए करते है, क्योंकि वह चाहते है कि हम अपने जीवन में अनुशासित बनकर एक सफल व्यक्ति बन सके।

मेरे इस भाषण को इतना ध्यान से सुनने के लिए आप सबका धन्यवाद, मैं उम्मीद करता हूँ कि अनुशासन के विषय पर मेरा यह भाषण आप सबको पसंद आया हो अब मैं दूसरे प्रतिभागियों से अनुरोध करता हूँ कि वह मंच पर आये और अपने विचार व्यक्त करके इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का कष्ट करें।

Explanation:

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And I Hope you like this so plz give me 5 stars and thanks.

                                                    THANKS

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