बढ़ते मोबाइल चलन के दुष्परिणाम को लेकर दो मित्रों के बीच संवाद
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बढ़ते मोबाइल चलन के दुष्परिणाम को लेकर दो मित्रों के बीच संवाद
दो मित्र मंयक और मोहित मोबाइल के दुष्परिणामों को लेकर चर्चा कर रहे हैं।
मयंक — मोहित, मोबाइल के उपयोग के बारे में तुम्हारे क्या विचार हैं?
मोहित — मोबाइल हम सब के लिये एक उपयोगी यंत्र बन कर आया था पर अब इसके दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं, खासकर जब से स्मार्टफोन प्रचलन में आया है।
मयंक — आज न्यूज में तुमने सुना कि एक लड़की ने सेल्फी लेते समय दुर्घटना का शिकार होकर अपनी जान गवां दी।
मोहित — हां मैंने आज न्यूज़ में सुना था कि एक लड़की सेल्फी ले रही थी, समुंदर की लहरों के पास और उसका ध्यान सेल्फी लेने में था कि समंदर की लहरों ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। सेल्फी लेने का यह क्रेज जो हम सभी युवाओं में हो गया है उसके दुष्परिणाम अब भयावह हो गए हैं।
मयंक — केवल सेल्फी लेना ही नहीं बल्कि मोबाइल के बहुत सारे दुष्परिणाम अब सामने आने लगे हैं। आजकल सोशल मीडिया पर बहुत सारी फेक न्यूज़ चलने लगी है जिससे लोगों में गलतफहमियां पैदा होती हैं और दो समुदायों के बीच नफरत फैलती है।
मोहित — हाँ, बिल्कुल ठीक कह रहे हो। आजकल सबके पास मोबाइल है इस कारण सबके पास खबरे पहुँच जाती हैं, जिससे इन फेक न्यूज का दायरा बढ़ता है। मेरे व्हाट्सएप पर आजकल बहुत सारे ऐसे मैसेज आते हैं जिसमें किसी दूसरे समुदाय के प्रति नफरत भरी बातें होती हैं। मैं तो अब ऐसे मैसेज को इग्नोर कर देता हूं। किसी मैसेज के बारे में कोई शक होता है तो मैं किसी विश्वसनीय सूत्र से उसकी पुष्टि करता हूं।
मयंक — ये सब आजकल मोबाइल के ज्यादा प्रचलन के कारण हुआ है।
मोहित — बिल्कुल तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो स्मार्टफोन के उपयोग से जहाँ हमें कई लाभ हुए हैं उससे हमें कई हानियां भी होने लगी है। हम लोग दिन भर अपने मोबाइल से चिपके रहते हैं। बार-बार मोबाइल पर मैसेज चेक करते रहते है। सिर झुकाये घंटों मोबाइल की स्क्रीन को देखते रहते हैं या कान से लगाये बातें करते रहते हैं उससे गर्दन में दर्द, कान दर्द आदि समस्यायें होने लगती हैं। मोबाइल के रेडियेशन का अलग नुकसान होता है।
मयंक — इसीलिये मैंने अपने मोबाइल का सीमित उपयोग करना शुरु कर दिया है। सोशल मीडिया से दूरी बना ली है। इयर फोन द्वारा गाने भी कम ही सुनता हूँ। जब फोन पर लंबी बात करनी हो तो इयर फोन से बात करता हूँ।
मोहित — तुम बिल्कुल ठीक कर रहे हो। हम सब को सचेत हो जाना चाहिये और मोबाइल के उपयोग की एक मर्यादा तय करनी चाहिये।