c-x बंध की प्रकृति समझाइए
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C-X बंध की प्रकृति :
c-x बंध में हैलोजन की विद्युत ऋणता अधिक व कार्बन की विद्युत ऋणता कम होती है जिससे कार्बन पर आंशिक धनावेश तथा हैलोजन पर आंशिक ऋणावेश आ जाता है अतः c-x बंध ध्रुवीय प्रकृति का होता है।
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ध्रुवीय बंधन
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- सीएक्स बांड प्रकृति में ध्रुवीय है क्योंकि हैलोजन परमाणु विद्युतीय है और कार्बन परमाणु इलेक्ट्रोपोसिटिव है।
- हैलोजन और कार्बन परमाणु के बीच केवल एक सिग्मा बंधन बनता है क्योंकि हैलोजन को निकटतम महान गैस विन्यास प्राप्त करने के लिए केवल एक इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता होती है।
- सीएक्स बांड की लंबाई समूह में नीचे की ओर वृद्धि होती है और वियोजन शक्ति परमाणु आकार में वृद्धि के परिणामस्वरूप घट जाती है।
- कार्बन और हैलोजन परमाणु की वैद्युतीयऋणात्मकता में अंतर द्विध्रुवीय क्षण को प्रभावित करता है। जैसे-जैसे हैलोजन की वैद्युतीयऋणात्मकता समूह में कम होती जाती है, द्विध्रुव आघूर्ण भी कम होता जाता है।
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