(च) अपहिलगद्यांश
किसी भी देश के युवक-युवतियाँ उसकी शक्तिका बाह सागर होते हैं और उनमें उत्साह का अजय स्रोत
होता है। आवश्यकता इस बात की है कि उनकी शक्ति का उपयोग सृजनात्मक रूप में किया जाए, अन्यथा
वह अपनी शशिको तोड़-फोड़ और विधसकारी कार्यो में।
ओं के समाचार प्रकाशित होते रहते हैं। आवश्यक ओर अनावश्यक
लेकर उनका आक्रोश बढ़ता ही रहता है। यदि छात्रों को इस शक्ति को सजनामक कार्य में लगा
दिया जाए तो देशका कायापलट होसकर
विचारणीय प्रा है। इसका प्रया कारण है आधुनिक शिक्षा
प्रणाली से विद्यार्थी का ओद्धिक विकास नहीं होता तया
विद्यार्थियों पर राजनैतिक दलों के प्रभाव के कारण भी बात
लिया है। इसके अतिरिका समाज के प्रत्येक वर्ष केला हुमा असर
असन्तोष को उभारने का मुख्य कारण है।
राह-निर्माण में बाकायोगदान आज का दिया करका नागरिकहोगा
कमो पर ही होगा। इसलिए आज का दिया जिसमा न कुशल समोर
निर्वाह करते हुए वह गह-निर्माण की दिशा में अपना महत्वपूर्ण योगदान कर सकता।
गोश का उचित शीर्थक दीजिये।
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अपहिलगद्यांश किसी भी देश के युवक-युवतियाँ उसकी शक्तिका बाह सागर होते हैं और उनमें उत्साह का अजय स्रोत होता है। आवश्यकता इस बात की है कि उनकी शक्ति का उपयोग सृजनात्मक रूप में किया जाए, अन्यथा वह अपनी शशिको तोड़-फोड़ और विधसकारी कार्यो में।
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