Hindi, asked by kemalpali2001, 4 months ago

चीफ की दावत कहानी का सारांश ​

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Answered by Software1969
6

Answer:

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Explanation:

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Answered by kashish526
8

Answer:

चीफ़ की दावत मिस्टर शामनाथ के घर पर थी। शामनाथ और उनकी श्रीमती मेहमानों के आगमन के लिए अपने घर में सभी प्रकार की तैयारियाँ करने लगे। साफ-सफाई, टेबल-कुर्सियाँ, तिपाइयाँ, नेपकिन, फूल आदि बरामदे में पहुँच गये। ड्रिंक की व्यवस्था की गई। कमरे की सजावट की गई। शामनाथ को इस बात की चिंता सता रही थी कि यदि मेहमान आ जाएँगे, तो माँ का क्या होगा? उन्हें कहाँ छुपाएँ? चीफ के सामने उनकी उपस्थिति पति-पत्नी को अच्छी नहीं लगती थी। क्योंकि उनकी माँ जब सोती है, तो जोर-जोर से खर्राटों की आवाज आती है। इसलिए उन्हें कमरे में बंद कर दिया जाय अथवा पिछवाड़े वाली सहेली के यहाँ भेज दिया जाय। बहू और बेटे के इस तरह के व्यवहार माँ कुछ उदास थी, परन्तु बेटे से कुछ नहीं कहती है। सब कुछ सहन कर जाती है। पत्नी के कारण वह माँ की उपेक्षा भी कर देता है। आखिर चीफ़ साहब आ ही गए। माँ को अव्यवस्थित रूप में देखकर शामनाथ को क्रोध आया। चीफ के आते ही माँ हड़बड़ाकर उठ बैठी। सिर पर पल्ला रखते हुए खड़ी हो गई। वह सकुचाती हुई काँप रही थीं। चीफ़ के चेहरे पर मुस्कराहट थी। उसने माँ को नमस्ते कहा। हाथ मिलाने के लिए कहा। माँ घबरा गई। देसी अफसरों की स्त्रियाँ हँस पड़ी। दोनों ने अंग्रेजी में ‘हाउ डू यू डू?’ कहा। चीफ को गाँव के लोग बहुत पसंद थे। उसको कमरे की सजावट अच्छी लगी। यहाँ तक कि फुलकारी देने तक कह दिया। चीफ़ ने माँ से गाना भी सुना। वे बहुत खुश थे। शामनाथ इन सारी बातों से माँ पर रीझ गए। कुछ हद तक अनादर की भावना मिट गई। चीफ़ की खुशामदी से उसे तरक्की होनेवाली थी। चीफ़ के लिए माँ फुलकारी बनाकर देने के लिए तैयार हो गई। मेहमानों के जाने के बाद शामनाथ झूमते हुए आए और माँ को आलिंगन में भर लिया | “ओ मम्मी! तुमने आज रंग ला दिया | ” कहते हुए खुशी जाहिर की | उसने कहा – माँ, साहब तुमसे बहुत खुश हुए। माँ की काया बेटे के आलिंगन में छिप गई।

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