चूहों से हनी इस विषय पर अपने विचार लिखिए
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चूहा एक स्तनधारी प्राणी है। यह साधारणतः सभी देशों में विशेषकर उष्ण देशों में पाया जाता है। यह कपड़ा, सूटकेश आदि को काटकर बहुत हानि पहुँचाता है। शरीर बालों से आवृत एवं सिर, गर्दन, धड़ तथा पूँछ में विभक्त होता है।
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चूहा एक स्तनधारी प्राणी है। यह साधारणतः सभी देशों में विशेषकर उष्ण देशों में पाया जाता है। यह कपड़ा, सूटकेश आदि को काटकर बहुत हानि पहुँचाता है। शरीर बालों से आवृत एवं सिर, गर्दन, धड़ तथा पूँछ में विभक्त होता है। ऊपरी एवं निचली ओठ से घिरा रहता है। सिर में एक जोड़ा नेत्र, दो बाह्यकर्ण, धड़ में दो जोड़े पैर तथा स्तन होते हैं। नेत्र के ऊपर तथा किनारे में लंबे और कड़े बाल, जिन्हें मूँछ कहते हैं, ये स्पर्शेन्द्रिय का काम करते हैं।
चूहाकहते हैं लोहे को लोहा ही काटता है। ठीक इसी प्रकार आज दुकानों, गोदामों व घरों में खाद्य सामग्री को नुकसान पहुंचाने वाले चूहों से बचने का हल शहर के बड़े व्यापारियों ने निकाल लिया है। इसके लिए दुकानदार महंगे दामों पर सफेद अमेरीकन चूहे खरीद रहे हैं। इनमें खासियत ये है कि यदि इन अमेरिकन चूहों को दुकान में रख लिया जाए तो खाद्य सामग्री का नुकसान करने वाले देसी चूहे इनके डर से भाग जाते हैं। ऐसा इसलिए है चूंकि इन अमेरिकन चूहों की ओर से रात होते ही अजीबोगरीब आवाजें निकाली जाती हैं। इससे डर कर आम चूहे दुकान अथवा गोदाम छोड़ कर भाग जाते हैं। जबकि दिन में चहल पहल होने के कारण आम चूहे अधिकतर नुकसान नहीं कर पाते।
जानकारी के अनुसार मटर, रोटी तथा अन्य सब्जियां खाने के शौकीन इन चूहों को जहां एक ओर दूसरे जिलों से महंगे मूल्यों पर मंगवाया जा रहा है वहीं दूसरी ओर होलसेल दुकानदारों से अपील कर,उनके कई साथी इन चूहों को दिल्ली अथवा अन्य स्थानों से मंगवा रहे हैं।
1500 सौ से 5 हजार में बिक रहे हैं सफेद चूहेदुकानदार राकेश कुमार, रणधीर शर्मा, बलवीर कुमार ने बताया कि उनकी ओर से ये चूहे अपने किसी अन्य साथियों से मंगवाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इन अमेरिकन चूहों की मांग इस कद्र बढ़ चुकी हैं कि इनकी जोड़ी 1500 रुपये से लेकर 5000 हजार रुपये तक भी मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि इनका सबसे ज्यादा फायदा ये है कि इन्हें किसी पिंजरे में डालने के उपरांत ये दिन भर शांत रहते हैं और रात को अन्न के दुश्मन चूहों को भगा देते हैं। उन्होंने बताया कि पहले उनका प्रति माह आम चूहों की ओर से हजारों रुपये का नुकसान किया जाता था परन्तु जब से उनकी ओर से उक्त चूहों के बारे में सुना गया है तथा उन्हें खरीद कर लाया गया है,तब से उनका नुकसान काफी हद तक रूक गया है।
उधर,इस संदर्भ में जब वन्य जीव विभाग के डीएफओ राजेश महाजन से इन चूहों की वास्तविक बैरायटी के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि उनकी ओर से भी इनके बारे में सुना गया है । ये कोई बाहरी चूहों की बैरायटी है तथा इनकी अजीबोगरीब आवाज आम चूहों को नुकसान करने से रोकती है।