(च) हाथी-दल के आने-जाने से घने
में एक कच्चा मार्ग
गया।
(बन/वन)
(छ) सुबह उठी तो देखा आसमान में काली
पट
छाई हुई थी और मंदिर का
घव
(घंटा/घटा)
बज रहा था।
कुटी बनाकर लक्ष्मप
(ज) राम ने अपना पूरा किया और पंचवटी में
व सीता सहित रहने लगे
(प्रण/पर्ण
।
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