Hindi, asked by jatin1437, 4 months ago

चाक सवैया वार्णिक छंद है, इसलिए सवैया छंद के कई भेद हैं। ये भेद गणों के संयोजन के आधार
पर बनते हैं। इनमें सबसे प्रसिद्ध मत्तगयंद सवैया है इसे मालती सवैया भी कहते हैं। सवैया के प्रत्येक
चरण में 22 से 26 वर्ण होते हैं। यहाँ प्रस्तुत तुलसी का सवैया कई भेदों को मिलाकर बनता है।

Answers

Answered by shubhampratapyadav
2

Answer:

चाँद चले नहिं रात कटे, यह सेज जले जइसे अगियारी

नागिन सी नथनी डसती, अरु माथ चुभे ललकी बिंदिया री।

कान का कुण्डल जोंक बना, बिछुआ सा डसै उँगरी बिछुआ री

मोतिन माल है फाँस बना, अब हाथ का बंध बना कँगना री ॥

काजर आँख का आँस बना, अरु जाकर भाग के माथ लगा री

हाथ की फीकी पड़ी मेंहदी, अब पाँव महावर छूट गया री।

काहे वियोग मिला अइसा, मछरी जइसे तड़पे है जिया री

आए पिया नहि बीते कई दिन, जोहत बाट खड़ी दुखियारी ॥

Similar questions