Psychology, asked by PragyaTbia, 11 months ago

“ चिकित्सक व्यक्ति के शारीरिक लक्षणों को देखकर बीमारी का निदान करते हैं I “ मनोवैज्ञानिक विकारों का निदान किस प्रकार किया जाता है?

Answers

Answered by deshmukhanish
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मनोविकार (Mental disorder) किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य की वह स्थिति है जिसे किसी स्वस्थ व्यक्ति से तुलना करने पर 'सामान्य' नहीं कहा जाता। स्वस्थ व्यक्तियों की तुलना में मनोरोगों से ग्रस्त व्यक्तियों का व्यवहार असामान्‍य अथवा दुरनुकूली (मैल एडेप्टिव) निर्धारित किया जाता है और जिसमें महत्‍वपूर्ण व्‍यथा अथवा असमर्थता अन्‍तर्ग्रस्‍त होती है। इन्हें मनोरोग, मानसिक रोग, मानसिक बीमारी अथवा मानसिक विकार भी कहते हैं

मनोरोग मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन की वजह से पैदा होते हैं तथा इनके उपचार के लिए मनोरोग चिकित्सा की जरूरत होती है।[1]

मानसिक विकार बहुत तरह के होते हैं। ये विकार व्यक्तित्व, मनोदशा (मूड), खाने की आदतों, चिन्ता आदि से सम्बन्धित हो सकते हैं। इस प्रकार मानसिक रोगों की सूची बहुत बड़ी है। कुछ मुख्य मनोरोगों की सूची नीचे दी गयी है-

दुर्भीति (फोबिया),

मनोदशा विकार (मूड डिस्‍आर्डर),

ज्ञानात्‍मक विकार (काग्निटिव डिस्‍आर्डर),

व्‍यक्तित्‍व विकार,

खंडित मनस्‍कता (शाइज़ोफ्रेनिया) और

द्रव्‍य संबंधी विकार (सबस्‍टैंस रिलेटेड डिस्‍आर्डर) ; जैसे मद्यसार (ऐलकोहाल) पर निर्भरता

अवसाद (Depression)

एकध्रुवीय अवसाद या 'मुख्य अवसादी विकार'

द्विध्रुवी विकार

आईईडी (Intermittent explosive disorder)

चिंता

चित्तविभ्रम

बहुव्यक्तित्व विकार

मनोविक्षिप्ति

मानसिक मन्दन

संविभ्रम

अंतराबंध या स्किजोफ्रीनिया

उत्पीड़न भ्रांति


deshmukhanish: mark it as branliest
deshmukhanish: plz
Answered by TbiaSupreme
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मनोवैज्ञानिक विकारों में कई बार शारीरिक लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। इस प्रक्रिया में पहले मरीज से बात की जाती है और मनोदशा स्थिर करने वाली ज़रूरी दवाएं दी जाती हैं। कभी कभी बीमारी ना होने या ना बढ़नी की स्थिति में भी रोगी को अपनी स्थिति गंभीर होती हुई लगती है। इस स्थिति में, कभी कभी कई निदान एक ही समय में किए जाते हैं और कभी कभी लंबे समय तक नैदानिक संदेह बना रहता है।

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