Physics, asked by subhashkushwaha843, 17 hours ago

चालक अर्धचालक और कुचालक में वर्जित बैंड क्रमशः Eg1,Eg2,Eg3 है इनमें सम्बन्ध क्या होता है



Answers

Answered by vijayalakahmi0901
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Answer:

अर्धचालक : इनमे पूर्ण भरे बैंड व खाली बैंड के मध्य ऊर्जा का अंतर कम होता है। परम शून्य ताप पर ये विधुत के कुचालक होते है परन्तु ताप बढ़ाने पर पूर्ण भरे बैंड के इलेक्ट्रॉन खाली बैंड में चले जाते है अतः ताप बढ़ाने से अर्द्धचालक की चालकता बढ़ जाती हैं। Si तथा Ge शुद्ध अर्धचालक है इन्हे नैज अर्धचालक भी कहते है।

Answered by as3801504
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Answer:

चालक अथवा सुचालक:

वे पदार्थ जिनमें विद्युत धारा का प्रवाह आसानी से हो जाता है, चालक पदार्थ कहलाते है । चालको मे मुक्त इलेक्ट्राॅन की संख्या अधिक होती है ।

उदाहरण – चांदी, तांबा, एल्युमीनियम आदि ।

उपयोग – विद्युत धारा के प्रवाहन एवं विद्युत चलित उपकरणों के निर्माण में

अच्छे सुचालक के गुण –

● चालक का प्रतिरोध बहुत कम होना चाहिए ।

● चालक सस्ता तथा सरलता से उपलब्ध होना चाहिए ।

● चालक मजबूत होना चाहिए ।

कुचालक अथवा अचालक:

वे पदार्थ जिनमें विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होती है, अचालक पदार्थ कहलाते हैं तथा इनमें मुक्त इलेक्ट्राॅन नहीं (न के बराबर) होते है ।

उदाहरण – रबर, प्लास्टिक, कांच आदि ।

उपयोग – चालक तारों के आवरण के लिए, विद्युतरोधी वस्तुओं के निर्माण में ।

कुचालक के गुण –

● प्रतिरोध उच्च होना चाहिए ।

● सस्ता एवं सरलता से उपलब्ध होना चाहिए ।

● कुचालक पदार्थ मजबूत और जलरोधी होना चाहिए ।

अर्द्धचालक:

वे पदार्थ जिनमें सामान्य परिस्थितियों मे विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होती परन्तु तापमान बढ़ाने या अशुद्धि मिलाने पर इनकी चालकता बढ़ जाती है और इनमे से धारा प्रवाहित होने लगती है, ऐसे पदार्थ अर्द्धचालक कहलाते हैं ।

इनका प्रतिरोध चालक पदार्थ से अधिक लेकिन अचालक पदार्थ से कम होता है, इनमें कम मात्रा में मुक्त इलेक्ट्राॅन पाये जाते है ।

उदाहरण – सिलिकॉन तथा जर्मेनियम

उपयोग – इलेक्ट्रॉनिक युक्ति जैसे डायोड, ट्रांजिस्टर, LED आदि के निर्माण में ।

Explanation:

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