Hindi, asked by mittal16nisha, 10 months ago

चीन के सामान का बहिष्कार पर लेख ​

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Answered by manitchauhan812
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भारत की देशभक्त जनता ने चीनी सामान के बहिष्कार का अभियान चला रखा है। यह उचित ही है। इस अभियान का भरपूर समर्थन किया जाना चाहिए। भारत के सामने लगातार चीन बाधाएं खड़ी कर रहा है। हालांकि प्रत्येक भारतीय के लिए सबसे असहनीय बात यह है कि चीन लगातार पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है।

आतंकवाद पर भी चीन का व्यवहार ठीक नहीं है। उड़ी हमले के बाद जिस तरह से चीन ने पाकिस्तान का बचाव करने का प्रयास किया है, उससे भारत की देशभक्त जनता में चीन के प्रति काफी आक्रोश है। चीन को सबक सिखाने के लिए भारतीय नागरिकों ने सोशल मीडिया पर चीनी सामान के बहिष्कार की मुहिम चलाई है। यह मुहिम अपना रंग दिखा रही है। तकरीबन एक ही महीने में भारत में चीनी सामान की बिक्री इतनी कम हो गई है कि उससे चीन बुरी तरह बौखला गया है।

बौखलाहट में चीनी मीडिया ने भारत और उसके नागरिकों के खिलाफ बहुत हल्की भाषा में कटाक्ष किया है। चीनी सामान के बहिष्कार की मुहिम के संबंध में लिखते हुए चीनी मीडिया ने लिखा है कि भारत भौंक तो सकता है, लेकिन कुछ कर नहीं सकता। चीन के सामान और तकनीक के सामने भारत का सामान और तकनीक टिक नहीं सकता है। लेकिन चीन को इस बात का आभास नहीं है भारत के नागरिक यदि तय कर लेते हैं तो सब बातें एक तरफ और भारतीयों का निर्णय एक तरफ। चीन को यह भी नहीं पता होगा कि भारत में उसके सामान के प्रति आम नागरिकों की भावना किस प्रकार की है। चीनी माल को दोयम दर्जे का समझा जाता है। उसकी गुणवत्ता को संदेह से देखा जाता है। चीनी सामान भारत में इसलिए बिकता है, क्योंकि वह सस्ता है। उसकी बिक्री गुणवत्ता के कारण नहीं है।

भारत में कुछ ऐसे भी लोग मौजूद हैं, जो चीनी सामान के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान का विरोध कर रहे हैं। उनका तर्क है कि इससे भारत के उन छोटे व्यापारियों का भारी नुकसान होगा, जिन्होंने त्यौहार के समय में काफी पैसा निवेश कर बिक्री के लिए चीनी सामान अपनी दुकानों में भर लिया है। छोटे व्यापारियों की दीपावली बिगड़ जाएगी। दरअसल, ऐसा सोचने वाले बहुत ही संकीर्ण मानसिकता के लोग हैं। यदि इस सोच का बस चलता तब स्वतंत्रता आंदोलन के तहत अंग्रेजों को सबक सिखाने के लिए कभी भी विदेशी सामान की होली नहीं जलाई जा सकती थी। भारत के हित में विचार करने वाले सदैव विदेशी सामान के बहिष्कार और स्वदेशी सामान के उपयोग पर जोर देते रहे हैं।

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