चिन्तन के अर्थ, प्रकृति एवं साधना गाजए । Describe meaning, nature and instrument of thinking. अथवा | OR चिन्तन के अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितियों का वर्णन कीजिए । Describe the favourable and unfavourable conditions of thin अवधान के अर्थ, विशेषताएँ एवं प्रकारों का वर्णन कीजिए ।
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चिंतन का अर्थ, प्रकृति , चिंतन की अनुकूल तथा प्रतिकूल परिस्थितियों का वर्णन नीचे दिया गया है।
चिंतन एक मानसिक प्रक्रिया है जो वस्तुओं के प्रतीकों के माध्यम से चलती है ।
- चिंतन में प्रत्यक्षीकरण तथा कल्पना दोनों का मिश्रण होता है।
- मनुष्य को अपने जीवन में विभिन्न परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।
- कुछ परिस्थितियां दुखदाई होती है तथा कुछ सुखदाई।
- दुखदाई परिस्थितियां समस्याएं पैदा करती है जिनका समाधान मनुष्य को शांत चित्त से निकालना चाहिए।
- घबराने अथवा केवल सोचने से किसी समस्या का समाधान नहीं होता।
- किसी समस्या का समाधान खोजने से पहले मनुष्य विभिन्न मानसिक प्रयास करता है। उसका अर्थ यह निकाला जा सकता है कि शारीरिक रूप से प्रचेष्ठ होने से पहले वह उस समय का समाधान मन में सोचता है।
- एक के बाद एक विचार समुद्र कि लहरों के समान उठते हैं जिससे कोई न कोई समाधान तो निकाल ही आता है।
- जैसे ही हमें समस्या का समाधान मिल जाता है चिंतन की प्रक्रिया वहीं रुक जाती है।
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