(च) पाँच-पाँच ऐसे वाक्य लिखिए, जिसमें क्रिया अकर्मक और सकर्मक है।
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Answer:
सकर्मक क्रिया
“जिस क्रिया का फल कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़े, उसे ‘सकर्मक क्रिया’ (Transitive verb) कहते हैं।”
अतएव, यह आवश्यक है कि वाक्य की क्रिया अपने साथ कर्म लाये। यदि क्रिया अपने साथ कर्म नहीं लाती है तो वह अकर्मक ही कहलाएगी। नीचे लिखे वाक्यों को देखें :
(i) प्रवर अनू पढ़ता है। (कर्म-विहीन क्रिया)
(ii) प्रवर अनू पुस्तक पढ़ता है। (कर्मयुक्त क्रिया)
Explanation:
अकर्मक क्रिया
“वह क्रिया, जो अपने साथ कर्म नहीं लाये अर्थात् जिस क्रिया का फल या व्यापार कर्ता पर ही पड़े, वह अकर्मक क्रिया (Intransitive Verb) कहलाती है।”
जैसे-
उल्लू दिनभर सोता है।
इस वाक्य में ‘सोना’ क्रिया का व्यापार उल्लू (जो कर्ता है) ही करता है और वही सोता भी है। इसलिए ‘सोना’ क्रिया अकर्मक हुई।
कुछ क्रियाएँ अकर्मक सकर्मक दोनों होती हैं। नीचे लिखे उदाहरणों को देखें-
1. उसका सिर खुजलाता है। (अकर्मक)
2. वह अपना सिर खुजलाता है। (सकर्मक)
3. जी घबराता है। (अकर्मक)
4. विपत्ति मुझे घबराती है। (सकर्मक)
5. बूंद-बूंद से तालाब भरता है। (अकर्मक)
6. उसने आँखें भर के कहा (सकर्मक)
7. गिलास भरा है। (अकर्मक)
8. हमने गिलास भरा है। (सकर्मक)
Answer:
मुजे आज बाजार जना हे
Explanation:
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