चंपा कवि के लिखने पढ़ने को कागज पर गोदना क्यों कहती है
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चंपा जब भी लेखक के पास आती है तो लेखक को कागज पर लिखते हुए देखकर कहती है कि तुम सारा दिन कागज ही गोदते रहते हो क्या यह काम तो बहुत अच्छा लगता है यह सुनकर लेखक हस देता है और जंपा चुप हो जाती है
चंपा कवि के लिखने पढ़ने को कागज पर गोदना क्यों कहती है?
चंपा कवि के लिखने-पढ़ने को कागज पर गोदना इसलिए कहती है. क्योंकि वह पढ़ाई को महत्व नहीं देती वो पढ़ना नहीं चाहती। चंपा एक निरक्षर लड़की है। उसे पढ़ाई में कोई रुचि नहीं है। चंपा परिश्रमी और सुंदर है लेकिन और अपने पिता की गाय भैंसों को चराने जाती है। लेकिन उसे पढ़ाई का महत्व नहीं है। पढ़ाई को वह अच्छी आदत नहीं मानती। पढ़ाई को लिखाई पढ़ाई को पसंद ना करने के कारण वो कवि के कागज और कलम को छुपा देती है। जब कवि उसे लिखने पढ़ने के लिए प्रेरित करता है तो वैसे कागज पर गोदना कहकर मना कर देती है उसके अनुसार पढ़ना लिखना अच्छी बात नहीं।
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