Hindi, asked by NAdeem1803, 1 year ago

चैप्लिन ने न सिर्फ फिल्म-कला को लोकतांत्रिक बनाया बल्कि दर्शकों की वर्ग तथा वर्ण-व्यवस्था को तोड़ा। इस पंक्ति में लोकतांत्रिक बनाने का और वर्ण - व्यवस्था तोड़ने का क्या अभिप्राय है? क्या आप इससे सहमत है?

Answers

Answered by deepj8617
2

Answer:

ohh my god all questions is on charli

Answered by babundkumar45
1

Answer:

पंक्ति में लोकतांत्रिक बनाने का और वर्ण - व्यवस्था तोड़ने का अभिप्राय निम्नलिखित है

Explanation:

लोकतांत्रिक बनाने का अर्थ है - फिल्मों को हर वर्ग तक पहुँचाना। चार्ली चैप्लिन से पहले तक फिल्में एक खास वर्ग तक सीमित थीं। उनकी कथावस्तु भी एक वर्ग विशेष के इर्द - गिर्द घूमती थी। चार्ली चैप्लिन ने समाज के निचले तबके को अपनी फिल्मों में स्थान दिया। उन्होंने फिल्म कला को आम आदमी के साथ जोड़कर लोकतांत्रिक बनाया ।

वर्ण - व्यवस्था को तोड़ने से अभिप्राय है - फ़िल्में किसी जाति विशेष के लिए नहीं बनतीं। इसे सभी वर्ग देख सकते हैं।  

हम लेखक की इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि कला सभी के लिए होती है। इस पर किसी वर्ग विशेष का एकाधिकार नहीं होना चाहिए।

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