Hindi, asked by shwetanagpal2431984, 8 months ago

(च) पुष्प-पुष्प से तंद्रालस लालसा खींच लूँगा मैं
अपने नवजीवन का अमृत सींच दूंगा मैं।'
पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।​

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Answered by bhatiamona
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(च) पुष्प-पुष्प से तंद्रालस लालसा खींच लूँगा मैं

अपने नवजीवन का अमृत सींच दूंगा मैं।'

पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।​

यह पंक्तियाँ कविता "ध्वनि" से ली गई है | यह कविता कवि सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" द्वारा लिखी गई है|

कवि कहते है , वह सोए हुए फूलों से आलस को भगाना चाहता हूँ | उनकी नींद को खत्म करते उनके जीवन में नया उत्साह और अमृत भरना चाहता हूँ |

कलियों को अपना हाथ फेरकर उन्हें जगाना चाहता है। कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए उन पर अपना हाथ फेरकर उन्हें जगाना चाहता है। वह उनको चुस्त, प्राणवान, आभावान व पुष्पित करना चाहता है।  

यहाँ कलियाँ आलस्य में पड़े युवकों को दर्शाती है| कवि नींद में पड़े युवकों को प्रेरित करके उनमें नए उत्कर्ष के स्वप्न से जगह देगा, उनका आलस्य दूर भगा देगा तथा उनमें नये उत्साह का संचार करना चाहता है।

Answered by sairamanan2017
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Answer:

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Explanation:

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