Hindi, asked by deyanisarkar8694, 11 months ago

चार्ली चैप्लिन की फिल्मों में निहित त्रासदी/करुणा/हास्य का सामंजस्य भारतीय कला और सौंदर्यशास्त्र की परिधि में क्यों नहीं आता?

Answers

Answered by jayant2kumbhre14
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चार्ली चैप्लिन की फिल्मों में त्रासदी करुणा और हास्य का अनोखा सामंजस्य देखने को मिलता है।

ऐसा सामंजस्य भारतीय कला और सौंदर्यशास्त्र की परिधि में नहीं आता। इसका कारण यह है कि भारतीय कला और सौंदर्यशास्त्र में करुणा का हास्य में बदल जाना नहीं मिलता। ‘रामायण’ और ‘महाभारत’ में जो हास्य है वह ‘दूसरों’ पर है, अपने पर नहीं। इनमें दर्शाई गई करुणा प्राय: सद्व्यक्तियों के लिए है और कभी-कभार दुष्टों के लिए भी है। संस्कृत नाटकों का विदूषक कुछ बदतमीजियाँ अवश्य करता है किंतु करुणा और हास्य का सामंजस्य उसमें नहीं होता।

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