चोट लगने पर रक्त बहने लगता है जो कुछ देर में रुक जाता है। ऐसा क्यों होता है? यदि ऐसा न
हो तो क्या होगा?
Answers
चोट लगने पर पर तक का बना चल रहे हो तो खून में मौजूद प्ले लेट से मिलकर उसे काढ़ा बना देते हैं जिससे हम रुक जाता है यदि को नहीं रुकता तो वह वह चाहता है और हम मैं तेरे ते मर ही जाते हैं
Explanation:
दरअसल हमारे शरीर के भीतर कई सारी कोशिकाएं होती हैं। ये सभी कोशिकाएं हमारे शरीर में रक्त के प्रवाह का कार्य करती हैं। लेकिन जब हमें चोट लगती है, तो ये कोशिकाएं खून का थक्का बना देती है जिससे खून कुछ समय बाद ही रुक जाता हैं। अगर इसी बात को एक अन्य उदाहरण के साथ समझा जाए तो जब हमें चोट लगती है तो शरीर में उपस्थित कोशिकाएं हार्मोंन्स की सहायता से कार्य करती है। लेकिन जब चोट लगती है तो यह हॉरमोन निकलने लगता है तथा कोशिकाएं चोट के स्थान पर जाकर तन्तुनुमा थक्के का निर्माण करती हैं। यही तन्तुनुमा थक्का खून के बहने को रोक देता हैं।
लेकिन शरीर की यह प्रक्रिया हर किसी के साथ में एक जैसी नहीं होती। आपने देखा होगा यदि किसी व्यक्ति को मधुमेह है और उसे चोट लगने पर खून निकलता है तो उसका खून आसानी से बंद नहीं होता। इसके पीछे भी एक विशेष कारण है। दरअसल यदि कोई मनुष्य मधुमेह या खून का थक्का न जमने जैसी किसी अन्य बीमारी से पीड़ित है तो खून निकलने के बाद कोशिकाएं खून का थक्का बनाने में असमर्थ होती है। जिसके चलते खून का निकलना अपने आप बंद नहीं होता हैं।
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