चित्रलेखा उपन्यास के ऐतिहासिक कथा
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उपन्यास 'चित्रलेखा' ने भगवतीचरण वर्मा जी को एक उपन्यासकार के रूप में प्रतिष्ठित किया है। यह उपन्यास पाप और पुण्य की समस्या पर आधारित है। चित्रलेखा की कथा वहाँ से प्रारंभ होती है जब महाप्रभु रत्नाम्बर अपने दो शिष्य श्वेतांक और विशालदेव को यह पता लगाने के लिए कहते हैं कि पाप क्या है? तथा पुण्य किसे कहेंगे?
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