चिंतन के स्वरूप की व्याख्या कीजिए।
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Selfmeditation.
Prayering.
Selftalk.
these are the only types of chintans....sorry I don't know what to say them in Hindi....
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HOPE THIS HELPS YOU...
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चिंतन के स्वरूप की व्याख्या
चिंतन का स्वरूप :
- चिंतन लगातार चलने की लगातार चलने वाली प्रक्रिया है|
- चिंतन और कल्पना एक ही सिक्के के दो पहलू है|
- चिंतन में भाषा का बहुत महत्व होता है, क्योंकि चिंतन के बाद अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए भाषा की ही आवश्यकता होती है|
- चिंतन केवल मस्तिक तक ही सिमित नहीं है बल्कि इस में पूरा शरीर सम्मलित होता है|
- चिंतन में पूर्व अनुभव शामिल होते है|
- चिंतन में अभिप्रेरणा का भी बहुत महत्व होता है|
- चिंतन में भाषा के साथ-साथ प्रतीकों का भी उपयोग होता है|
मनोविज्ञान से संबंधित प्रश्न के लिंक:
https://brainly.in/question/15661287
क्या चिंतन भाषा के बिना होता है? परिचर्चा इस प्रकार है|
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