Social Sciences, asked by sd1179343, 3 months ago

चक्रवात संबंधित क्षेत्रों में घरों का डिजाइन कैसा होना चाहिए और क्यों​

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Answered by ashutoshkumaryadav36
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Answer:

उत्पत्ति के क्षेत्र के आधार पर चक्रवात के दो भेद हैं :

(1) उष्ण कटिबंधीय चक्रवात या वलकियक चक्रवात (Tropical cyclone), तथा

(2) बाह्योष्णकटिबंधीय चक्रवात या शीतोष्णकटिबंधीय चक्रवात या उष्णवलयपार चक्रवात (Extratropical cyclone या Temperate cyclones)

उष्णवलयिक चक्रवात - ये वायुसंगठन या तूफान हैं, जो उष्ण कटिबंध में तीव्र और अन्य स्थानों पर साधारण होते हैं। इनसे प्रचुर वर्षा होती है। इनका व्यास 50 से लेकर 1,000 मील तक का तथा अपेक्षाकृत निम्न वायुदाब वाला क्षेत्र होता है। ये 20 से लेकर 30 मील प्रति घण्टा तक के वेग से चलते हैं। इनमें वायुघूर्णन 90 से लेकर 130 मील प्रति घण्टे तक का होता है। ये वेस्ट इंडीज में प्रभंजन (hurricane) तथा चीनसागर एवं फिलिपिन में बवंडर (typhoon) और अमेरिका में टोर्नेडो तथा ऑस्ट्रेलिया में विल्ली विलिज कहे जाते हैं।

उष्णवलयपार चक्रवात - यह मध्य एवं उच्च अक्षांशों का निम्न वायुदाब वाला तूफान है। इसका वेग 20 से लेकर 30 मील प्रति घण्टे के वेग से सर्पिल रूप से चलती है। प्राय: इससे हिमपात एवं वर्षा होती है।

दोनों प्रकार के चक्रवात उत्तरी गोलार्ध में वामावर्त (counter-clockwise) तथा दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिणावर्त (clockwise) रूप में संचारित होते हैं। उष्णवलयपार चक्रवात में साधरणतया वायु-विचनल-रेखा होती है, जो विषुवत की ओर निम्नवायुकेन्द्र में सैकड़ों मील तक बढ़ी रहती है तथा गरम एवं नम वायु को ठण्डी और शुष्क वायु से पृथक् करती है।

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