"चलना हमारा काम है" poem summary in Hindi in detail... fast!!!!!! i want the summary!!
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चलना हमारा काम है , नामक कविता शिवमंगल सिंह सुमन जी द्वारा लिखित प्रसिद्ध कविता है . कवि का मानना है कि मनुष्य को सदा कर्म पथ पर चलते रहना चाहिए . उसे कभी रुकना नहीं चाहिए . जीवन में हो सकता है कि कभी पूर्ण रूप से सुख - शान्ति न मिले लेकिन हमें फिर भी साहस औए लगन के साथ सफलता पाने के लिए कर्म करते रहना चाहिए .
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- यह कविता जीवन के सफर में आनेवाली रुकावटों का सामना हिम्मत के साथ करने का संदेश देती है। जीवन निरन्तर चलते जाने का ही नाम है। जीवन गतिशील है। जीवन लक्ष्यहीन नहीं होता बल्कि लक्ष्य की प्राप्ति की तरफ़ कदम बढ़ाते जाना ही जीवन को जीना है। कवि कहते हैं कि मेरे पैरों में गति भरी है। मैं लक्ष्य प्राप्त करने के लिए चलने को आतुर हूँ इसलिए मुझे समय बेकार नहीं करना चाहिए। मेरा रास्ता लंबा है। जब तक मुझे मेरी मंजिल नहीं हासिल हो जाए तब तक मैं आराम नहीं कर सकता। आराम मौत के समान है। इसलिए चलते जाना है।
- मैं अपनी मंजिल को प्राप्त करने के लिए हमेशा भटकता रहा। कदम कदम पर रुकावटें आती रही। लेकिन मैं निराश नहीं हुआ। जीवन के रास्ते में बाधाएँ आती ही हैं। इसलिए हमें कर्म करते जाना है।
- जीवन के सफर में बहुत से लोग साथ चलते हैं। कुछ लोग बीच रास्ते से ही लौट जाते हैं। फिर भी जीवन कभी रुकता नहीं है। बहुत से लोग निराश होकर साथ छोड़ दिए। बहुत हार गए। लेकिन जो लक्ष्य तक साथ में रहे और जिन्होंने सफलता हासिल की वे लोग भाग्यशाली है। आदर उसी व्यक्ति का होता है जो जीवन के मुश्किल पथ पर कभी हार नहीं मानता है और निरंतर चलता रहता है।
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