History, asked by ritika4339, 1 year ago

चम्पानेर की सन्धि किन – किन के मध्य हुई?

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Answered by bindidevi002
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Explanation:

चंपानेर गुजरात में बड़ौदा से 21 मील (लगभग 19.2 कि.मी.) और गोधरा से 25 मील (लगभग 40 कि.मी.) की दूरी पर स्थित है। यह गुजरात की मध्ययुगीन राजधानी थी। चांपानेर, जिसका मूल नाम 'चंपानगर' या 'चंपानेर' भी था, की जगह वर्तमान समय में पावागढ़ नामक नगर बसा हुआ है। यहाँ से चांपानेर रोड स्टेशन 12 मील (लगभग 19.2 कि.मी.) है। इस नगर को जैन धर्म ग्रन्थों में तीर्थ स्थल माना गया है। जैन ग्रन्थ 'तीर्थमाला चैत्यवदंन' में चांपानेर का नामोल्लेख है- 'चंपानेरक धर्मचक्र मथुराऽयोध्या प्रतिष्ठानके -।' पावागढ़ पहाड़ी के शिखर पर बना कालिका माता मंदिर पावन स्थल माना जाता है। पहाड़ी पर बना यह काली मंदिर बहुत प्राचीन है। कहा जाता है कि विश्वामित्र ने उसकी स्थापना की थी। इन्हीं ऋषि के नाम से इस पहाड़ी से निकलने वाली नदी 'विश्वामित्री' कहलाती है। महदजी सिंधिया ने पहाड़ी की चोटी पर पहुँचने के लिए सीढ़ियाँ बनवाईं थीं। चांपानेर तक पहुँचने के लिए सात दरवाजों में से होकर जाना पड़ता है। यहां वर्षपर्यन्त बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

Answered by xSahiBx
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Answer:

राजपूताने की यह ऐतिहासिक संधि सन् 1546 में हुई थी। यह संधि मालवा के शासक महमूद खिलजी तथा गुजरात के शासक कुतुबुद्दीन के बीच हुई थी। जिसका मुख्य उद्देश्य था मेवाड़ के शासक राणा कुंभा की शक्ति का पतन करना। दोनों राज्यों की सेनाओं ने बदनौर नामक स्थान पर राणा कुंभा से संघर्ष किया। जिसमें राणा कुंभा ने मालवा को बुरी तरह परास्त किया।

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