Hindi, asked by Sakshi192007, 8 months ago

can anyone help me with this​

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Answered by Anonymous
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Explanation:

एक दिन एक लकड़हारा जिसका नाम था बिरजू जंगल में रोजाना की तरह लकड़ी काटने गया ।

उसने रोज़ की तरह नदी पार की और लकड़ी काटने लगा।

जब वह वापिस आ रहा हूं, तभी अचानक तेज तूफान आने लगा नदी का पानी ऊंचा हो गया वह नदी पार कर रहा था कि उसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई।

उसने नदी को कुल्हाड़ी वापिस काटने के लिए कहा ।

तभी नदी में से एक देवी बाहर अयी और उसके हाथ में एक सोने कि कुल्हाड़ी थी ।

देवी ने बिरजू से पूछा कि क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है ?

बिरजू ने उत्तर दिया नहीं ये मेरी कुल्हाड़ी नहीं है मेरी कुल्हाड़ी तो साधारण सी है।

देवी अंदर गई और वहां से एक चांदी की कुल्हाड़ी लेकर आ आई और बोली क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?

बिरजू बोला नहीं मेरी कुल्हाड़ी तो लोहे की है ।

वो देवी फिर अंदर गई और वहां से एक लकड़ी के डंडे वाली लोहे कि कुल्हाड़ी लेकर अाई और दोबारा पूछा कि क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?

बिरजू ने उत्तर दिया हां।

तो देवी ने उसे तीनों कुल्हाड़ियां देकर कहा कि तुम एक ईमानदार सचे इंसान हो इसलिए में तुम ईनाम के तौर पे यह तीनों कुल्हाड़ियां देती हूं ।

बिरजू ने देवी का शुक्रिया किया और वहां से खुशी खुशी चला गया।

happy gandhi jayanti dear

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