रहीमन निज मन की क्रिया मन ही वाले
गोयामनी अठिले लोग सबबोटी
लह कीया
म shabdart
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रहिमन’ निज मन की बिथा, मनही राखो गोय ।
सुनि अठिलैहैं लोग सब , बाँटि न लैहैं कोय ॥
अर्थ
अन्दर के दुःख को अन्दर ही छिपाकर रख लेना चाहिए, उसे सुनकर लोग उल्टे हँसी करेंगे कोई भी दुःख को बाँट नहीं लेगा।
Explanation:
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