can anyone write a poem in hindi about rain
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वर्षा बहार सबके मन को लुभा रही है ।
उमड़-घुमड़ कर काले बदरा छा रहे है ।।
चपला भी चमक कर रोशनी बिखेर रहे है ।
गुड़-गुड़ कर के बादल भी गरज रहे है ।।
ठंडी-ठंडी हवा चल रही मन को भा रही है ।
बागों में लताओं पर फूल खिल रहे है ।।
मदमस्त मोर पीहू पीहू करके नाच रहा है ।
कोयल भी मस्त राग सुना रही है ।।
मेंढक भी प्यारे संगीत गा रहे है ।
बाज भी बादलों के ऊपर उड़ान भरकर इतरा रहा है ।।
कल कल करती नदियां, इठलाती हुई बह रही है ।
मानो कोई नया संगीत सुना रही है ।।
बागों में फूल खिल रहे, सुगंध मन को भा रही है ।
सावन में झूले पर झूल रही है बिटिया ।।
वर्षा बहार भू पर जीवन की ज्योति जला रही है ।
वर्षा बहार सबके मन को लुभा रही है ।।
– नरेंद्र वर्मा
Answer:
hey friend
Explanation:
this is your poem.....
वर्षा आई बहार आयी,
वर्षा आई बहार आयी,प्रकृति ने अपनी कृपा बरसाई ।
वर्षा आई बहार आयी,प्रकृति ने अपनी कृपा बरसाई ।पेड़ पौधों में हरे भरे रंगों में रंग कर अपनी खुशी दर्शाई ।।
वर्षा आई बहार आयी,प्रकृति ने अपनी कृपा बरसाई ।पेड़ पौधों में हरे भरे रंगों में रंग कर अपनी खुशी दर्शाई ।।वर्षा आई बहार आयी,
वर्षा आई बहार आयी,प्रकृति ने अपनी कृपा बरसाई ।पेड़ पौधों में हरे भरे रंगों में रंग कर अपनी खुशी दर्शाई ।।वर्षा आई बहार आयी,किसानों के लिए लहराती फसल का संकेत लाई ।
वर्षा आई बहार आयी,प्रकृति ने अपनी कृपा बरसाई ।पेड़ पौधों में हरे भरे रंगों में रंग कर अपनी खुशी दर्शाई ।।वर्षा आई बहार आयी,किसानों के लिए लहराती फसल का संकेत लाई ।प्रेमियों के मन में प्रेम की ज्योत जलाई ।।
वर्षा आई बहार आयी,प्रकृति ने अपनी कृपा बरसाई ।पेड़ पौधों में हरे भरे रंगों में रंग कर अपनी खुशी दर्शाई ।।वर्षा आई बहार आयी,किसानों के लिए लहराती फसल का संकेत लाई ।प्रेमियों के मन में प्रेम की ज्योत जलाई ।।वर्षा आई बहार आयी,
वर्षा आई बहार आयी,प्रकृति ने अपनी कृपा बरसाई ।पेड़ पौधों में हरे भरे रंगों में रंग कर अपनी खुशी दर्शाई ।।वर्षा आई बहार आयी,किसानों के लिए लहराती फसल का संकेत लाई ।प्रेमियों के मन में प्रेम की ज्योत जलाई ।।वर्षा आई बहार आयी,मन आनंद से झूम उठा ।
वर्षा आई बहार आयी,प्रकृति ने अपनी कृपा बरसाई ।पेड़ पौधों में हरे भरे रंगों में रंग कर अपनी खुशी दर्शाई ।।वर्षा आई बहार आयी,किसानों के लिए लहराती फसल का संकेत लाई ।प्रेमियों के मन में प्रेम की ज्योत जलाई ।।वर्षा आई बहार आयी,मन आनंद से झूम उठा ।वह प्रफुल्लित हो कर खुशियों से फूल उठा ।।
वर्षा आई बहार आयी,प्रकृति ने अपनी कृपा बरसाई ।पेड़ पौधों में हरे भरे रंगों में रंग कर अपनी खुशी दर्शाई ।।वर्षा आई बहार आयी,किसानों के लिए लहराती फसल का संकेत लाई ।प्रेमियों के मन में प्रेम की ज्योत जलाई ।।वर्षा आई बहार आयी,मन आनंद से झूम उठा ।वह प्रफुल्लित हो कर खुशियों से फूल उठा ।।वर्षा आई बहार आयी,
वर्षा आई बहार आयी,प्रकृति ने अपनी कृपा बरसाई ।पेड़ पौधों में हरे भरे रंगों में रंग कर अपनी खुशी दर्शाई ।।वर्षा आई बहार आयी,किसानों के लिए लहराती फसल का संकेत लाई ।प्रेमियों के मन में प्रेम की ज्योत जलाई ।।वर्षा आई बहार आयी,मन आनंद से झूम उठा ।वह प्रफुल्लित हो कर खुशियों से फूल उठा ।।वर्षा आई बहार आयी,जीवन का सारा दुख दर्द ना जाने कहां गुम हो गया ।
वर्षा आई बहार आयी,प्रकृति ने अपनी कृपा बरसाई ।पेड़ पौधों में हरे भरे रंगों में रंग कर अपनी खुशी दर्शाई ।।वर्षा आई बहार आयी,किसानों के लिए लहराती फसल का संकेत लाई ।प्रेमियों के मन में प्रेम की ज्योत जलाई ।।वर्षा आई बहार आयी,मन आनंद से झूम उठा ।वह प्रफुल्लित हो कर खुशियों से फूल उठा ।।वर्षा आई बहार आयी,जीवन का सारा दुख दर्द ना जाने कहां गुम हो गया ।वर्षा आई बहार आयी ।।