चप्पल पाठ का पूरा सारांश लगभग 200 वर्ड शब्दों में in hindi for class 10 WBBSE BOARD
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चप्पल' कहानी सारांश
चप्पल' कहानी 'कावुटेरी वेंकट नारायणराव' द्वारा लिखी गई है ।
वेस्ट बंगाल माध्यमिक सिलेबस से सम्बंधित है । यह कहानी गुरु शिष्य परंपरा का निर्वाह करती है । विद्यार्थियों केलिए काफी शिक्षाप्रद है।
यह कहानी गुरु और शिष्य की प्रसंग को उजागर करती है | कहानी में गुरु और शिष्य पंरपरा का निर्वाह करती है | कहानी में अपने गुरु की चप्पल बचाने के लिए अपनी जान दे दी | रंगइया एक गरीब आदमी है , बीमारी के कारण वह अपने कई पुत्र और पत्नी को खो चूका है |
अब उसके जीने की एक मात्र उम्मीद है , उसक पुत्र रमण | जिसे वह अपने मास्टर के हवाले कर देता है | वह सोचता है कि उसका बेटा पढ़ लिखकर बड़ा आदमी बनेगा |
रंगइया मास्टर जी को भगवान समझता है , वह भविष्य के लिए पैसे मास्टर जी के पास देकर रखता है | एक दिन उसे मास्टर जी चप्पल सिलाई करने अवसर मिलता है | वह सोचता है कि मैं इसे बहुत अच्छे से बनाऊंगा |
रंगइया ने मास्टर की चप्पल अच्छे से बना दिया था | एक दिन रंगइया की अटारी में आग लग जाती है | वह मास्टर की चप्पल के लिए आग में चला जाता है | वह आग में जलकर मास्टर की चप्पल को बचा कर लता है | वह पूरी तरह जल जाता है , पर मास्टर जी की चप्पल को बचा कर लाता है |
यहाँ पर शिक्षा के महत्व को जीवन से अमूल्य बना दिया गया है | कहानी से हमें शिक्षा के महत्व को समझना चाहिए |