CH3Cl में आबंध निर्माण का उपयोग कर सहसंयोजक आबंध की प्रकृति समझाइए।
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उत्तर :
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ऊपर दिए गए चित्र में संरचना को दर्शाया गया है :
व्याख्या :
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जैसा कि हम जानते हैं H, C, एवं Cl का परमाणु क्रमांक क्रमशः 1, 6 एवं 17 होता है। अष्टक नियम के अनुसार, हाइड्रोजन को अपना अष्टक पूरा करने के लिए 1 इलेक्ट्रोन, कार्बन को अपना शतक पूरा करने के लिए दो इलेक्ट्रॉन एवं क्लोरीन को अपना शतक पूरा करने के लिए एक इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता है।
कार्बन, एक क्लोरीन परमाणु को तथा तीन हाइड्रोजन परमाणुओं को इलेक्ट्रॉन प्रदान प्रदान करता है। ऐसा करने से वह उत्कृष्ट गैस नियॉन का स्वरूप प्राप्त कर लेता है वहीं हाइड्रोजन उत्कृष्ट गैस हीलियम की एवं क्लोरीन उत्कृष्ट गैस ऑर्गन की संरचना प्राप्त कर लेते हैं।
इस प्रकार, क्लोरीमीथेन में एक C–Cl तथा तीन C–H सहसंयोजक बंध बनते हैं।
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ऊपर दिए गए चित्र में संरचना को दर्शाया गया है :
व्याख्या :
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जैसा कि हम जानते हैं H, C, एवं Cl का परमाणु क्रमांक क्रमशः 1, 6 एवं 17 होता है। अष्टक नियम के अनुसार, हाइड्रोजन को अपना अष्टक पूरा करने के लिए 1 इलेक्ट्रोन, कार्बन को अपना शतक पूरा करने के लिए दो इलेक्ट्रॉन एवं क्लोरीन को अपना शतक पूरा करने के लिए एक इलेक्ट्रॉन की आवश्यकता है।
कार्बन, एक क्लोरीन परमाणु को तथा तीन हाइड्रोजन परमाणुओं को इलेक्ट्रॉन प्रदान प्रदान करता है। ऐसा करने से वह उत्कृष्ट गैस नियॉन का स्वरूप प्राप्त कर लेता है वहीं हाइड्रोजन उत्कृष्ट गैस हीलियम की एवं क्लोरीन उत्कृष्ट गैस ऑर्गन की संरचना प्राप्त कर लेते हैं।
इस प्रकार, क्लोरीमीथेन में एक C–Cl तथा तीन C–H सहसंयोजक बंध बनते हैं।
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Abhisheksingh563:
hlo bhai
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